Published on December 8, 2025 | Views: 364
मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में कोडीनयुक्त प्रतिबंधित दवाओं के खिलाफ
पुलिस महानिरीक्षक स्तर पर एस0आई0टी0 टीम का गठनः प्रमुख सचिव गृह
प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था के लिये संकल्पित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के
अनुपालन मे आज प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक व आयुक्त खाद्य रसद एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में लोक
भवन एक प्रेस वार्ता की गयी।
प्रमुख सचिव गृह, श्री संजय प्रसाद ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोडीन प्रतिबंधित दवाओं के
खिलाफ जीरो टालरेंस के तहत अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को लेकर
अत्यन्त गंभीर है। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के सख्त निर्देश है कि सभी ड्रग्स मानक के अनुरूप होने चाहिए। मानक
के अनुरूप न पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
प्रमुख सचिव गृह ने यह भी बताया कि कोडीन युक्त कफ सिरप से प्रदेश में एक भी कैजुअल्टी नही हुई है। उन्होंने
बताया कि पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 का गठन किया गया है जिसमे एफ0एस0डी0ए0 के अफसरों को
शामिल करते हुए कोडीन युक्त कफ सिरप की जांच करने हेतु निर्देश दिये गये है।
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री राजीव कृष्णा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 2 माह में खाद्य सुरक्षा एवं
औषधि प्रशासन विभाग, जनपदीय पुलिस तथा यूपी एसटीएफ द्वारा समन्वित अभियान चलाकर कोडीन युक्त कफ सिरप
एवं एनडीपीएस श्रेणी की औषधियों के अवैध भंडारण, क्रय-विक्रय, वितरण एवं अवैध डायवर्जन (प्ससमहंस-क्पअमतेपवद) के संबंध में
एक सघन अभियान चलाया गया। उन्होने यह भी बताया कि सोशल मीडिया या अन्य किसी भी तरह से गलत या भ्रामक
अफवाह फैलाने पर नियमानुसार कार्रवाही की जा रही है जिसके क्रम में जनपद वाराणसी में एफ0आई0आर0 भी दर्ज की गयी
है।
FSDA मुख्यालय स्तर की विशेष टीम द्वारा केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो , मध्य प्रदेश से प्राप्त महत्वपूर्ण इनपुट की
अग्रिम जाँच के क्रम में औषधि विभाग के विभिन्न औषधि निरीक्षकों द्वारा हिमाचल प्रदेश स्थित दो, उत्तराखंड राज्य स्थित तीन
कोडीनयुक्त कफ सिरप के निर्माता फर्मों एवं हरियाणा राज्य स्थित निर्माता फर्म के एक डिपो व झारखंड राज्य के रांची स्थित
एक बहुराष्ट्रीय निर्माता फर्म के सुपर स्टॉकिस्ट सैली ट्रेडर्स की गहन जांच कर, कोडीनयुक्त कफ सिरप के निर्माण, भंडारण,
क्रय-विक्रय एवं वितरण संबंधित सूचना व अभिलेखों को प्राप्त किया गया।
उपरोक्त से प्राप्त सूचना व संकलित अभिलेखों के परिशीलन में यह पाया गया कि, उपरोक्त फर्मों द्वारा केवल
कोडीनयुक्त कफ सिरप का विक्रय, प्रदेश के कतिपय जनपदों के चुनिंदा औषधि प्रतिष्ठानों को पुनरावृत्त भारी मात्रा में किया गया
है। इनमें से कुछ प्रतिष्ठान एक ही व्यक्ति अथवा उनके सगे संबंधियों के नाम के हैं, जिनके अधिप्रमाणित साक्ष्यों में फर्जी अनुभव
प्रमाण पत्र कर औषधि लाइसेंस प्राप्त करने के भी प्रमाण मिले हैं, कुछ प्रतिष्ठान जिनका औषधि लाइसेंस पूर्व में निरस्त किया
जा चुका है, ऐसे प्रतिष्ठानों को भी 1 से 3 लाख कोडीनयुक्त कफ सिरप बोतल की भारी मात्रा में बिक्री की गई है। जिससे
स्पष्ट है कि इन फर्मों ध् व्यक्तियों द्वारा कोडीन फॉस्फेट युक्त औषधियों (कफ सिरप) का गैर चिकित्सकीय उपयोग हेतु संगठित
रूप से अवैध डायवर्जन कर नशे के रूप में दुरुपयोग कराया जा रहा है। जोकि एक संगठित अपराध की श्रेणी में आता है।
उक्त तथ्यों व अभिसूचना के आधार पर, औषधि विभाग द्वारा प्रदेश के 279 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों पर व्यापक निरीक्षण
किए गए। निरीक्षणों में यह पाया गया कि कतिपय औषधि प्रतिष्ठान भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं हैं, अथवा केवल ’’बिलिंग
प्वाइंट्स’’ के रूप में कार्य किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त कई प्रतिष्ठानों पर अपर्याप्त भंडारण व्यवस्था पाई गई तथा
औषधियों के क्रय विक्रय अभिलेख उपलब्ध नहीं पाए गए जिससे स्पष्ट हुआ है कि, जांच की गई समस्त फर्मों द्वारा संगठित रूप
से इन औषधियों का गैर चिकित्सकीय उपयोग हेतु अवैध डायवर्जन कर नशे के रूप में दुरुपयोग कराया जा रहा है, जिनमें
प्रमुखतः जनपद लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बहराइच आदि से नेपाल व जनपद वाराणसी, गाजियाबाद आदि से बांग्लादेश में नशे
के रूप में दुरुपयोग होने की प्रबल संभावना है।
आम जनमानस, विशेषकर युवाओं पर नशे के दुष्प्रभाव पर प्रभावी नियंत्रण पाने, जन-स्वास्थ्य व सुरक्षा सुनिश्चित करने
व वर्तमान में उक्त अभियान में किये गए निरीक्षणों के दौरान पाये गयी सभी उल्लंघनों की पुष्टि हो जाने पर अपराध की
निरन्तरता को रोकने हेतु औषधि विभाग के निरीक्षकों द्वारा 28 जनपदों के कुल 128 प्रतिष्ठानों व संबंधित संचालकों के विरुद्ध
ठछै एक्ट (भारतीय न्याय संहिता 2023) व छक्च्ै एक्ट (स्वापक औषधि और मनरूप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985) की सुसंगत
धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकियाँ (थ्प्त्) दर्ज की गई हैं, जिनका विवरण निम्न तालिका में अंकित हैः-
वाराणसी- 38, जौनपुर- 16, कानपुर नगर- 08, गाजीपुर- 06, लखीमपुर खीरी- 04, लखनऊ- 04, बहराइच,
बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव,
बस्ती, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, रायबरेली, मिर्जापुर में कुल मिलाकर- 52
माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में, जनपदीय पुलिस एवं एसटीएफ द्वारा कोडीनयुक्त कफ सिरप और
एनडीपीएस श्रेणी की औषधियों के अवैध व्यापार/डायवर्जन के विरुद्ध कड़ी एवं व्यापक कार्यवाही की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश
पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
सोनभद्र पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही
ऽ दिनांक 18.10.2025 को कोडीनयुक्त कफ सिरप से भरे 02 ट्रक को पकड़ा गया, जिसमें 1,19,675 (एक लाख उन्नीस हजार
छह सौ पचहत्तर) बोतलें बरामद की गईं। इस प्रकरण में तत्काल 03 अभियुक्तों (हेमन्त पाल, ब्रजमोहन शिवहरे एवं रामगोपाल
धाकड़) को गिरफ्तार किया गया है।
ऽ दिनांक 01-11-2025 को रांची, झारखण्ड से 13,400 कोडीनयुक्त कफ सीरप बरामद की गई है।
सोनभद्र एवं गाजियाबाद पुलिस द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही
ऽ दिनांक 04-11-2025 को सोनभद्र पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर, जनपद गाजियाबाद एवं सोनभद्र
पुलिस ने संयुक्त रूप से थाना नंदग्राम क्षेत्रांतर्गत बड़े पैमाने पर संचालित एक अवैध फार्मास्यूटिकल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
कार्रवाई के दौरान 04 ट्रकों से 1,57,350 (एक लाख सतावन हजार तीन सौ पचास) शीशियां कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद की
गई ं तथा 08 अभियुक्तों (सौरभ त्यागी, शादाब, शिवकान्त उर्फ शिव, सन्तोष भडाना, अम्बुज कुमार, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, दीपू यादव
एवं सुशील यादव) को मौके पर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तगण से की गयी पूछताछ में उक्त अपराध में शुभम
जयसवाल, आसिफ, अभिषेक शर्मा, विशाल उपाध्याय व अन्य 05 अभियुक्तों के नाम प्रकाश में आये, जिनका इस तस्करी के
सिन्डिकेट में शामिल होना पाया गया, जिसके आधार पर इस प्रकरण में पंजीकृत अभियोग मे ं कुल 17 अभियुक्तों को नामजद
किया गया है।
यूपी एसटीएफ द्वारा की गयी कार्यवाही
ऽ यूपी एसटीएफ द्वारा उक्त प्रकरण में कुल 09 अभियुक्तों (धर्मेन्द्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, शैलेन्द्र आर्या, विभोर राणा, विशाल
सिंह, बिट्टू कुमार, सचिन कुमार, अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा एवं आलोक प्रताप सिंह) को गिरफ्तार किया जा चुका है।
लखनऊ जोन द्वारा की गयी कार्यवाही
लखनऊ जोन के विभिन्न जनपदों में कुल 11 अभियोग पंजीकृत करते हुए 02 अभियुक्तों (रूपम राय एवं दिवाकर सिंह) को
गिरफ्तार किया गया है।
बरेली जोन द्वारा की गयी कार्यवाही
बरेली जोन के विभिन्न जनपदों में कुल 04 अभियोग पंजीकृत करते हुए 02 अभियुक्तों (अब्दुल कादिर एवं रहमान नूरी) को
गिरफ्तार किया गया है।
गोरखपुर जोन द्वारा की गयी कार्यवाही
गोरखपुर जोन के विभिन्न जनपदों में कुल 10 अभियोग पंजीकृत करते हुए 03 अभियुक्तों (नीरज कुमार दीक्षित, अली सरीम
मेकरानी एवं मोहम्मद आफताब) को गिरफ्तार एवं 02 अभियुक्तों (कल्पना एवं मोहम्मद असद) को नोटिस तामील किया गया है।
कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा की गयी कार्यवाही
कमिश्नरेट वाराणसी के विभिन्न जनपदों में कुल 02 अभियोग पंजीकृत करते हुए 04 अभियुक्तों (भोला प्रसाद जायसवाल,
विशाल जायसवाल, बादल आर्या एवं आजाद सिंह) को गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस पूरे प्रकरण की व्यापकता को देखते हुए तथा विस्तृत वित्तीय जांच (ज्ीवतवनही थ्पदंदबपंस प्दअमेजपहंजपवद)
के उद्देश्य से, प्रदेश स्तर पर एक एसआईटी का गठन किया जा रहा है। यह एसआईटी सभी प्रचलित जांचों की नियमित
समीक्षा करेगी, आरोपितों से प्राप्त जानकारियों की हर कड़ी को जोड़ते हुए आगे की कार्रवाई तय करेगी तथा वित्तीय लेन-देन
से जुड़े तथ्यों की भी गहन जांच करेगी।
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर एसटीएफ, जनपदीय पुलिस और थ्ैक्। इस विषय को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं
सभी एजेंसियाँ इस पूरे मामले की गहन और विस्तृत जांच कर रही हैं तथा पूरे प्रकरण में कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा
रही है।
Category: Uttar pradesh