Published on October 26, 2025 | Views: 339
    
    बृजभूमि में आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। वृन्दावन के प्रतिष्ठित संत रूद्र देवानंद जी महाराज के सानिध्य में भव्य बृज चौरासी कोस यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस यात्रा की शुरुआत श्रीधाम वृन्दावन से हर्षोल्लास और भक्ति के वातावरण में की गई, जहां गुजराती श्रद्धालु शामिल हुए।
इस पावन यात्रा में विशेष रूप से गुजरात से आए भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। उन्होंने पहले और दूसरे दिन बृज के प्रमुख मंदिरों — ठाकुर बांके बिहारी मंदिर, राधा वल्लभ मंदिर, राधा दामोदर मंदिर, गोपीश्वर महादेव मंदिर, और श्री राधा रमन मंदिर में दर्शन कर बृजभूमि की पावन धूलि का आशीर्वाद लिया।
यात्रा के प्रारंभ में महाराज श्री रूद्र देवानंद जी ने भक्तों को बृज की महिमा का बोध कराते हुए कहा —
“बृज केवल भूमि नहीं, यह प्रेम और भक्ति का सागर है। जो एक बार इस धाम की परिक्रमा करता है, उसके जीवन से समस्त क्लेश मिट जाते हैं।”
भक्तों ने महाराज जी के चरणों में बैठकर संपूर्ण 84 कोस की यात्रा पूरी करने का संकल्प लिया। यात्रा में भजन, कीर्तन और कथा का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। हर स्थान पर भक्तों का भाव देखकर वातावरण भक्ति से ओतप्रोत हो उठता है।
पहले दो दिनों में यात्रा वृन्दावन से प्रारंभ होकर गोकुल, रमणरेती की ओर अग्रसर हुई। जगह-जगह पर स्थानीय लोगों ने पुष्पवृष्टि और आरती के साथ यात्रियों का स्वागत किया।
इस यात्रा का उद्देश्य बृज की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करना और आने वाली पीढ़ियों को बृज की महिमा से जोड़ना है।
महाराज जी ने कहा कि आने वाले दिनों में यह यात्रा महावन, वृन्दावन , और मथुरा होते हुए पूर्ण होगी ।
भक्तों का कहना है कि यह यात्रा उनके जीवन का एक आध्यात्मिक अनुभव बन चुकी है। रूद्र देवानंद जी महाराज के सान्निध्य में बृज के कण-कण में राधा-कृष्ण की अनुभूति हो रही है।
बृज चौरासी कोस यात्रा आने वाले दिनों में हजारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनने जा रही है — जहाँ भक्ति, प्रेम और सेवा का एक अनुपम संगम देखने को मिलेगा।
Category: Dharm