प्राचीन महादेव जी का मंदिर अपने दुर्दशा पर बहा रहा आंसू

Published on October 17, 2025 | Views: 1085

प्राचीन महादेव जी का मंदिर अपने दुर्दशा पर बहा रहा आंसू

धौलपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर पश्चिम दिशा में चलने के बाद सैपऊ उपखंड मुख्यालय पर स्थित प्राचीन महादेव जी का मंदिर अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है मंदिर का निर्माण करीबन 700 वर्ष पूर्व धौलपुर नरेश कै पर सिपहसालार राज दरजू द्वारा कराया गया 3:45 बीघा में बना यह भाव में ऐतिहासिक मंदिर अपनी बेजोड़ नक्काशी के लिए जाना जाता है इतिहासकारों के अनुसार गुरु में स्वामित्व जी के साथ भगवान राम ने पूजा के लिए इस शिवलिंग को स्थापित किया था कालांतर में यह शिवलिंग मिट्टी के टापू में तब्दील हो गया तथा यहां झाड़ियां एवं पेड़ उगआए एक बार श्याम रतनपुरी एवं उनकी बहन गोला बाई घूमते हुए यहां आए तो रात्रि में श्याम रतनपुरा को स्वप्न में शिवलिंग दवा होने का आवास हुआ अगले दिन जब यहां खुदाई की गई तो विशाल शिवलिंग प्रकट हुआ कई फीट गहरा खोदने पर भी जब शिवलिंग का छोर नहीं मिला तो यहां मिट्टी का चबूतरा बनाकर पूजा शुरू कर दी गई कालांतर में जब यह बात धौलपुर नरेश के कानों तक गई तो उन्होंने इस शिवलिंग की स्थापना हेतु धौलपुर में चोपड़ा मंदिर का निर्माण कराया किंतुउन को भी गहराई में खोदने पर शिवलिंग का कोई चोर नहीं मिला तो उन्होंने अपने सिपहसलार राजदरजू को यही मंदिर निर्माण के लिए नियुक्त किया तथा इस विशाल मंदिर का निर्माण कराया गया तथा चोपड़ा मंदिर में अलग से शिवलिंग की स्थापना की गई चोपड़ा मंदिर भी धौलपुर का प्रसिद्ध महादेव मंदिर है
सैपऊभोला में 3:45 बीघा में निर्मित किए गए इस चार मंजिला मंदिर में तीन द्वार हैं तथा 20 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में प्रवेश किया जाता है 60 फीट लंबे एवं 50 फीट चौड़े चौक में चार विशाल बरामदे बने हैं मंदिर के निर्माण में धौलपुर के लाल पत्थर का उपयोग किया गया है चौक में अष्टकोणीय आकृति में बने शिवालय में शिवलिंग स्थापित है शिखर बंध धरातल से करीबन 60 फीट ऊंचा है मंदिर में की गई पत्थरों पर बेजोड नक्काशी स्थापत्य कला एवं कारीगरी का बेजोड़ नमूना है जो की अनायासही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है
महाशिवरात्रि को यहां एक विशाल मेले का आयोजन होता है इस अवसर पर देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरव सिंह शेखावत भाजपा नेत्री वसुंधरा राजे पूर्व संसदीय सचिव गिर्राज सिंह मलिंगा राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम भाजपा के काद्यावर नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ से लेकर वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं उनके अलावा भी मंत्री एवं पदाधिकारी यहां मन्नत मांगने तो आए किंतु मंदिर के विकास एवं रख रखाव की ओर किसी का ध्यान नहीं गया इस ऐतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्धार की ओर सार्थक कदम नहीं उठाए गए परिणाम स्वरूप मंदिर के विशाल इमारत टूटने लगी है मंदिर के महंत वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि अपने कार्यकाल में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल दो बार मंदिर पर आ चुके हैं दोनों बार उन्हें मंदिर की समस्या से रूबरू करवाया गया था किंतु इस बारे में कोई भी पहल नहीं हुई है
दूसरी और मंदिर के अहाते में बने बरामदा को जलियां लगाकर मंदिर के पुजारी द्वारा बंद कर दिया गया है तथा मंदिर के चौक को इनसाइड डलवा कर ढक दिया गया है जिससे मंदिर का प्राकृतिक स्वरूप परिवर्तित हो गया है इस विशाल मंदिर के ऊपर जाने के लिए सीडीओ के दरवाजों पर पुजारी द्वारा ताला लगा दिया गया है जिससे ऊपर जाने का रास्ता बंद हो गया है जिस मंदिर के आसपास के मनोहारी दृश्य देखने से लोग वंचित हो रहे हैं स्थानीय नगर के द्वारा जिले का सबसे बड़ा एवं प्राचीन मंदिर होने से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की जाती रही है किंतु परिणाम वही डाक के तीन पात

Category: Dharm


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