वृंदावन में चर्चा का विषय बना खजाना

Published on October 25, 2025 | Views: 270

वृंदावन में चर्चा का विषय बना खजाना

वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के खजाने को लेकर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शनिवार को उड़िया बाबा मंदिर परिसर में वृंदावन के प्रमुख संतों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंदिर के खजाने की CBI जांच की मांग को लेकर जोरदार चर्चा हुई।

बैठक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर केस लड़ रहे प्रसिद्ध संत दिनेश फालहरी महाराज ने कहा कि “बांके बिहारी मंदिर का खजाना करोड़ों भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ है, लेकिन इस खजाने का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं दिया गया है। अगर सरकार ने जल्द ही इसकी निष्पक्ष जांच के आदेश नहीं दिए, तो हम संत समाज की ओर से आमरण अनशन शुरू करेंगे।”

संत समाज का आक्रोश और एकजुटता

बैठक में वृंदावन और मथुरा क्षेत्र के कई नामी संत, महंत और धर्माचार्य उपस्थित रहे। सभी ने एकमत होकर कहा कि बांके बिहारी मंदिर की संपत्ति, दान और खजाने की जांच केवल CBI जैसी निष्पक्ष एजेंसी से ही होनी चाहिए।

संतों ने आरोप लगाया कि वर्षों से मंदिर की दानराशि और स्वर्ण-रजत आभूषणों का कोई स्पष्ट विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। भक्तों से मिलने वाले दान का उपयोग कहां और कैसे हो रहा है, यह सवाल अब भक्त समाज और संत समाज दोनों के मन में गूंज रहा है।

भक्तों की आस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

दिनेश फालहरी महाराज ने कहा कि “श्री बांके बिहारी मंदिर केवल एक इमारत नहीं, यह करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां का हर चढ़ावा श्री ठाकुरजी की सेवा के लिए है, किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं। अगर इस आस्था से खिलवाड़ हुआ है, तो यह भगवान से छल है, जिसे संत समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर जांच में देरी हुई, तो संत समाज आंदोलन की तैयारी करेगा।

संतों की चेतावनी: “सत्य सामने आएगा”

बैठक के अंत में सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि वृंदावन की पवित्रता और श्रद्धा की रक्षा के लिए सत्य सामने लाना आवश्यक है। मंदिर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं तो उनका जवाब भी आना चाहिए।

संतों ने प्रशासन और सरकार से मांग की कि बांके बिहारी मंदिर की पूरी दान व्यवस्था, संपत्ति, बैंक खातों और ट्रस्ट प्रबंधन की CBI जांच जल्द से जल्द शुरू की जाए, ताकि श्रद्धालुओं का विश्वास बना रहे।

निष्कर्ष:
बांके बिहारी मंदिर के खजाने की जांच को लेकर वृंदावन के संत अब निर्णायक मोड़ पर हैं। यदि प्रशासन ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन पूरे देश में भक्तों की आवाज़ बन सकता है।

Category: Uttar pradesh


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