Published on October 15, 2025 | Views: 490
    
    समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर पैदा हुए भगवान धन्वंतरि को आरोग्य का देवता माना जाता है धार्मिक ग्रंथो में भगवान धन्वंतरि को आरोग्य दाता के रूप में पूजने का विधान है भगवान धन्वंतरि किसी भी प्रकार के रोगों से रक्षा करते हैं भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से पैदा हुए थे तथा उन्हें विष्णु का अवतार माना जाता है समुद्र मंथन के समय एक कलश में अमृत लेकर जब भगवान धन्वंतरि पैदा हुए देवताओं द्वारा अमृत पान करने के बाद ही उन्हें दानवो को पराजित करने की शक्ति मिली थी भगवान धन्वंतरि की चार भुजाएं हैं जिनमें ऊपर के दो भुजाओं में शंख एवं चक्र हैं अन्य दो भुजाओं में औषधीया एवं अमृत कलश है शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन से प्रत्येक दिन मूल्यवान वस्तुएं निकली  त्रयोदशी के दिन निकालने के कारण इसे धन्वंतरि त्रयोदशी कहा गया इसीलिए धन्वंतरि जयंती त्रयोदशी के दिन दीपावली से दो दिन पूर्व मनाई जाती है जिसे धनतेरस भी कहा जाता है धनवंतरी को पृथ्वी पर विद्यमान औषधीय गुण वाली वनस्पतियों का स्वामी कहा जाता है भगवान धन्वंतरिको देवताओं का चिकित्सक भी कहा जाता है भागवत महाभारत एवं पुराणों के साथ-साथ अथर्ववेद में भी भगवान धन्वंतरि का वर्णन मिलता है तथा आयुर्वेद के अनुसार रिषियो ने आयुर्वेद का ज्ञान भगवान धन्वंतरि से प्राप्त किया था 
धनतेरस अथवा धन्वंतरि जयंती हिंदू धर्म में एक विशेष महत्वपूर्ण पर्व है जो दीपावली के उत्सव की शुरुआत है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है इस बार 18 शनिवार को धन्वंतरि जयंती मनाई जाएगी इस अवसर पर सोना चांदी बर्तन एवं अन्य वस्तुओं के अलावा धातु कलश खरीदने को इसलिए शुभ माना जाता है किस दिन भगवान धन्वंतरि अमित से भरा हुआ कलश लेकर उत्पन्न हुए थे 
यह पर्व न केवल नहीं खरीदारी एवं धन वृद्धि से जुड़ा है बल्कि स्वास्थ्य समृद्धि एवं सुख शांति के लिए विशेष पूजा अर्चना करने का दिन होता है इस दिन सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है धनतेरस पर चांदी के सिक्के पीतल तांबे वी स्टील के बर्तन नई झाड़ू मोबाइल लैपटॉप घरेलू उपकरण वहां नई धातु की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है जब कांच के समान अल्युमिनियम लोगों के बर्तन काले कपड़े जूते छुरी कैंची जैसी नौकरी वस्तुएं खरीदना निषेध है 
आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा धन्वंतरि जयंती को आरोग्य के देवता की जयंती के रूप में पूरी श्रद्धा एवं हरसोला से मनाया जाता है तथा इस दिन सभी को स्वस्थ रखना एवं आरोग्यता प्रदान करने के लिए भगवान धन्वंतरि से प्रार्थना की जाती है आयुर्वेद विभाग धौलपुर के उपनिदेशक डामनोज कुमार शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष दीपावली से पूर्व धन्वंतरि जयंती के दिन सभी चिकित्सकों द्वारा विशेष पूजा अर्चना की जाती है तथा सभी के स्वस्थ रहने की मन्नत मांगी जाती है
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