अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे कुमार संगकारा भारतीयों की संयमित गेंदबाजी के आगे बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे। श्रीलंका ने आज यहां दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 140 रन बनाकर दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच को बराबरी पर बनाये रखा। श्रीलंका ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की और अब तक उसने 2.90 प्रति ओवर की दर से रन बनाये हैं। वह अभी भारत से 253 रन पीछे है। सलामी बल्लेबाज कौशल सिल्वा (51) ने अर्धशतक जमाया लेकिन सभी की निगाहें संगकारा पर टिकी थी। बायें हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि केवल 32 रन बनाकर पवेलियन लौट गया। स्टंप उखड़ने के समय लाहिरू तिरिमाने 28 और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 19 रन पर खेल रहे थे। इससे पहले भारत ने अपनी पहली पारी में 393 रन बनाये। कल के अविजित बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (56 रन) ने अर्धशतक जमाया। श्रीलंका के लिये बायें हाथ के स्पिनर रंगना हेराथ ने 81 रन देकर चार विकेट लिये। श्रीलंकाई पारी के दौरान भारत के दोनों स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन (37 रन देकर एक विकेट) और अमित मिश्रा (नौ रन देकर एक विकेट) ने भी एक-एक विकेट हासिल किया जबकि तेज गेंदबाज उमेश यादव (34 रन देकर एक विकेट) ने टीम को शुरूआती सफलता दिलायी। संगकारा शुरू से अश्विन के सामने असहज दिखे और इस आफ स्पिनर ने श्रीलंकाई दिग्गज पर अपना दबदबा बरकरार रखा। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने चाय के विश्राम के बाद 29 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी। स्टेडियम में मौजूद सभी दर्शकों की निगाहें उन्हीं पर टिकी थी लेकिन तभी वह अश्विन की टर्न लेती गेंद को रक्षात्मक रूप से खेलने के लिये आगे बढ़े। गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में खड़े अंजिक्य रहाणे के बायीं तरफ गयी जिन्होंने इस पर कैच करने में कोई गलती नहीं की। यह श्रृंखला में तीसरा अवसर था जब अश्विन ने संगकारा को पवेलियन भेजा। संगकारा जब क्रीज पर उतरे तो भारतीय टीम और दोनों अंपायरों ने इस महान बल्लेबाज को गार्ड आफ ऑनर पेश किया। इसके बाद जब वह आउट होकर पवेलियन लौटे तो फिर से भारतीय खिलाड़ियों ने उनके लिये तालियां बजायी जबकि स्टेडियम में मौजूद हर व्यक्ति ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। इनमें संगकारा के साथी माहेला जयवर्धने भी थे जो विशेष रूप से उनकी पारी देखने के लिये आये थे। सिल्वा का भी भाग्य ने साथ दिया। वह जब 14 रन पर थे तब पहले बदलाव के रूप में आये स्टुअर्ट बिन्नी की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर के पास पहुंची लेकिन नोबाल होने के कारण इस बल्लेबाज को जीवनदान मिल गया। संगकारा के आउट होने के बाद श्रीलंका ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की जिससे उन्होंने खुद पर दबाव बनाया। लाहिरू तिरिमाने को क्रीज पर पांव जमाने में समय लगा जबकि सिल्वा के लिये लेग स्पिनर मिश्रा को खेलना आसान नहीं रहा। इस सलामी बल्लेबाज ने 92 गेंदों पर अपना नौवां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया लेकिन आखिर में मिश्रा ने ही उन्हें पवेलियन भेजा। सिल्वा ने टर्न लेती गेंद को स्वीप किया और शार्ट फाइन लेग पर खड़े अश्विन को कैच का अ5यास कराया। उन्होंेने अपनी पारी में 118 गेंदें खेली और आठ चौके लगाये। इससे पहले भारतीय टीम लंच के बाद अधिक देर तक नहीं टिक पायी और उसने अपने आखिरी तीन विकेट 26 रन के अंदर गंवाये। लंच के समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 386 रन था लेकिन इसके बाद भारत ने तीसरी गेंद पर ही विकेटकीपर बल्लेबाज साहा का विकेट गंवा दिया जिन्हें हेराथ ने पगबाधा आउट किया। साहा ने 117 गेंद खेली तथा छह चौके लगाये। हेराथ ने इसके बाद इशांत शर्मा को आउट करके भारतीय पारी का अंत किया। भारतीय टीम ने सुबह छह विकेट पर 319 रन से आगे खेलना शुरू किया। साहा को सातवीं गेंद पर ही जीवनदान मिला जब धम्मिका प्रसाद की गेंद आफ स्टम्प को छूकर निकल गई लेकिन गिल्लियां नहीं गिरा सकी। उस समय साहा 19 रन पर थे । छह गेंद बाद श्रीलंका को आर अश्विन के विकेट के रूप में पहली सफलता मिली जिन्हें एंजेलो मैथ्यूज ने शार्ट एक्स्ट्रा कवर पर लपकवाया। साहा को एक बार फिर 91वें ओवर में जीवनदान मिला जब विकेटकीपर दिनेश चंदीमल उनका कैच नहीं लपक पाया। इसके बाद साहा को मिश्रा के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिला जिन्होंने 50 गेंद की अपनी पारी में तीन चौकों की मदद से 24 रन बनाये। मिश्रा ने 10 गेंदों का सामना करने के बाद खाता खोला। साहा और मिश्रा ने आठवें विकेट के लिये 46 रन की धीमी साझेदारी की। मिश्रा को 106वें ओवर में दुष्मंता चामीरा ने पवेलियन 5ेाजा जिन्होंने 72 रन देकर दो विकेट लिये। इस बीच साहा ने 106 गेंद में दूसरा टेस्ट अर्धशतक पूरा किया।