श्रीलंका को पहली पारी में सिर्फ 183 रन पर ऑल आउट करने के बाद टीम इंडिया ने 375 रन बनाए तो हर किसी को उसके जीतने की उम्मीद थी, लेकिन चौथी पारी में रंगना हेराथ ने 7 विकेट चटकाकर पासा ही पलट दिया। पहली पारी के आधार पर 192 रन की बढ़त लेने वाली भारतीय टीम 176 रन का छोटा टारगेट भी चेज नहीं कर सकी। यह भारतीय टीम की 200 या उससे कम रन का टारगेट चेज करते हुए दूसरी हार है। इससे पहले उसे 1997 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। ये रहा टर्निंग प्वाइंट 1. रंगना हेराथ के 7 विकेट श्रीलंका ने पहली पारी में 183 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया की पहली पारी 375 रन पर सिमटी। टीम इंडिया के पास पहली पारी के आधार पर 192 रन की बढ़त थी। श्रीलंका ने दूसरी पारी में जोरदार वापसी करते हुए 367 रन बनाए। स्पिनर्स को मदद कर रही पिच पर टीम इंडिया को 176 रन का टारगेट मिला। रंगना हेराथ ने करिश्माई बॉलिंग करते हुए टीम इंडिया को बैकफुट पर धकेल दिया। उसके 8 बैट्समैन 81 रन पर आउट हो चुके थे। रहाणे ने कुछ टिकने की कोशिश की, लेकिन टीम इंडिया 112 रन तक ही पहुंच सकी। रंगना ने 48 रन देकर 7 विकेट लिए। 3 विकेट कौशल के खाते में गए। विराट की कप्तानी पर उठे सवाल? मैच में कई बातों को लेकर विराट की कप्तानी पर सवाल उठे। चेतेश्वर पुजारा के होने के बावजूद लगातार फ्लॉप रहने वाले रोहित को टीम में शामिल करना समझ से परे रहा। रोहित शर्मा बांग्लादेश में भी फेल रहे थे। उस समय भी सीनियर खिलाड़ियों ने टीम सिलेक्शन पर सवाल उठाए थे। दूसरी बात यह है कि श्रीलंका की पहली पारी जल्दी समेटने के बाद दूसरी पारी में डिफेंसिव गेम खेलना विराट पर भारी पड़ा। पांच विकेट जल्दी लेने के बावजूद श्रीलंका 367 रन के बड़े स्कोर तक पहुंच गई। इस बारे में सुनील गावसकर ने भी इंडियन बॉलिंग की जमकर खिंचाई की।