पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए भाजपा ने कहा है कि उनके जाने से देश ने ‘‘एक दूरदृष्टा को खो दिया’ है। पार्टी प्रमुख अमित शाह ने उन्हें भारत की अवधारणा की ‘सर्वश्रेष्ठ मिसाल’ बताते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। शाह ने कहा कि कलाम विज्ञान, शिक्षा और नैतिकता का एक ‘दुर्लभ संयोजन’ थे और उनका व्यक्तित्व एवं उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। शाह ने कहा, ‘उन्होंने भारत माता की सेवा वाकई अपनी अंतिम सांस तक की। वह वास्तव में एक उत्कृष्ट ‘कर्मयोगी थे। मैंने हमेशा डॉक्टर कलाम का सम्मान भारत की अवधारणा की सर्वश्रेष्ठ मिसाल के रूप में किया है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने सभी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परंपराओं की सर्वश्रेष्ठ चीजों को अंगीकार किया, जो कि भारत की विविधता में एकता का परिचायक है।’’ उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर कलाम के व्यक्तित्व ने अदभुत तरीके से विज्ञान और आध्यात्म का तालमेल कराया। भारत के राष्ट्रपति के रूप में वह सुरक्षा और विकास के एजेंडों में भी तालमेल लेकर आए।’ शाह ने कहा कि कलाम ने एक विकसित, समृद्ध और मजबूत भारत का सपना देखा और अपना जीवन इस सपने को साकार करने के लिए समर्पित कर दिया। भारत को अंतरिक्ष एवं परमाणु शक्ति बनाने में कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए शाह ने कहा, ‘राष्ट्र उनके योगदान के लिए हमेशा उनका रिणी रहेगा। उनके निधन से देश की अपूर्णनीय क्षति हुई है।’ भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवाणी ने कहा कि उनके जाने से जो शून्य पैदा हुआ है, वह कभी भरा नहीं जा सकता। अडवाणी ने कहा, ‘वर्ष 2020 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने के उनके विश्वास ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया। वह जीवनभर एक शिष्य और शिक्षक रहे। युवा मस्तिष्कों को प्रोत्साहित करने की क्षमता के मामले में भी वह बेमिसाल थे।’ उन्होंने कहा, ‘कलाम के निधन से हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक शून्य पैदा हो गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियों उन्हें बेहद प्यार के साथ एक आदर्श भारतीय के रूप में याद करती रहेगी।’ कलाम के निधन पर शोक संदेश में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनको एक महान वैज्ञानिक, एक सच्चा राष्ट्रवादी और एक बेहतरीन इंसान बताया। गडकरी ने कहा, ‘उनके निधन पर देश ने एक दूरदृष्टा और वैज्ञानिक समुदाय ने एक मिसाइल विशेषज्ञ खो दिया है।’ केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि कलाम अपनी कोशिश से एक खास मुकाम हासिल किया था। उन्होंने हमारे देश की विभिन्न पीढ़ियों के वैज्ञानिकों और युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2002-2007 के दौरान राष्ट्रपति के रूप में डॉक्टर कलाम ने खुद को लोगों का राष्ट्रपति साबित किया। उन्होंने छात्रों और युवाओं को प्रेरित करने के अभियान के साथ देशभर में ढेरों यात्राएं कीं। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निवर्हन पूर्ण दक्षता के साथ किया और सभी से सराहना पाई।’ कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए नायडू ने कहा कि कलाम एक सच्चे राष्ट्रवादी थे और देश के गौरव थे। उन्होंने कहा, ‘वह भारत के एक महान पुत्र थे।’ उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर विचार कर रही थी कि उन्हें दिल्ली लाया जाए या डॉक्टरों का दल शिलांग भेजा जाए लेकिन ‘अचानक ही वे हम सबके बीच से उन्हें छीन लिया गया कि हमारे पास वक्त ही नहीं बचा।’ कलाम कल शिलांग में एक आयोजन के दौरान अचानक गिर गए थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया था।