पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर गुवाहाटी से चल चुका है और करीब 12.30 बजे दिल्ली पहुंचेगा। सोमवार शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में लेक्चर देते वक्त मंच पर ही दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। मंगलवार को संसद शुरू होते ही दोनों सदनों में डॉ. कलाम को श्रद्धांजिल दी गई। श्रद्धांजलि देने के बाद संसद की कार्यवाही को 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई। उनके गृह नगर रामेश्वरम में उनका कल अंतिम संस्कार किया जाएगा। डॉ. कलाम का पार्थिव शरीर लेने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी एयरपोर्ट जाएंगे। उनके साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, तीनों सेनाओं के चीफ भी मौजूद होंगे। एयरपोर्ट से उनका पार्थिव शरीर राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनके गृह नगर रामेश्वरम ले जाया जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार होगा कैसे हुआ निधन सोमवार शाम 83 साल के डॉ. कलाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग में 'पृथ्वी को रहने लायक कैसे बेहतर बनाया जाए' टॉपिक पर लेक्चर दे रहे थे। उन्होंने लेक्चर शुरू ही किया था कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्हें बेथनी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन शाम 7.45 बजे अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. जॉन ने बताया कि डॉ. कलाम नहीं रहे। डॉ. जॉन ने बताया कि 7 बजे उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। सात दिन का राष्ट्रीय शोक गृह मंत्रालय के अनुसार कलाम के सम्मान में 27 जुलाई से 02 अगस्त 2015 तक राष्ट्रीय शोक रहेगा। इस दौरान देशभर में सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस दौरान सरकारी स्तर पर किसी भी तरह के मनोरंजन कार्यक्रम या समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।