महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी और शिवसेना नंबर एक और नंबर दो की पार्टी के रुप में उभर कर सामने आई हो, लेकिन सरकार बनाने कवायद में की कवायद में तीसरे और चौथे नंबर की पार्टियां मिल कर रही है। जी हां, यह सच है। कम से कम एनसीपी नेता अजीत पवार की मानें तो, यह जरूर सच है। दरअसल, पूर्ववर्ती कांग्रेस-एनसीपी सरकार में सिचाई मंत्री रहे अजीत पवार ने खुलासा किया है कि कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के साथ मिल कर महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है। पवार के इस खुलासे के बाद राजनीतिक दलों में कौतुहल का विषय बना हुआ है। गौरतलब है एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन एनसीपी नेता अजित पवार ने शिवसेना की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने शिवसेना को समर्थन देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन एनसीपी ने इस पेशकश को ठुकरा दिया। पवार के उक्त खुलासे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, पार्टी किसके साथ गंठबंधन करके सरकार बनेगी पर विस्तार से चर्चा होगी। इस बीच पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा का मुंबई दौरा भी टल गया है। अब दोनों मंगलवार को मुंबई आयेंगे और इन बातों पर चर्चा करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की राय के बाद मंगलवार सीएम का नाम तय किया जाएगा।एनसीपी के इस नए खुलासे का असर शिवसेना और भाजपा के भविष्य में जुड़ने वाले रिश्ते पर कितना पड़ेगा यह तो वक्त के साथ ही साफ होगा लेकिन भाजपा के अंदर के सूत्रों की मानें तो पार्टी निर्दलियों के समर्थन पर भी विचार कर रही है।