पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने आज कहा कि चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर सबकुछ सामान्य नहीं है और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए जवाबदेही तय करेंगी तथा फैसले करेंगी। उन्होंने कहा कि फैसले उनके (सोनिया) खुद के और एके एंटनी कमेटी की रिपोर्ट के विश्लेषण के आधार पर लिए जाएंगे। कांग्रेस के प्रवक्ता थरूर ने कहा कि केवल सोनिया ही पार्टी को इस संकट से बाहर निकालने में सक्षम होंगी क्योंकि वह एक के बाद एक दो चुनावी नुकसान और अपनी कमान में लगातार दो जीत देख चुकी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की अगुवाई करने से हट रहे हैं , केरल से दो बार सांसद रहे थरूर ने प्रेट्र से एक साक्षात्कार में कहा, राहुल की अपनी खुद की नेतृत्व भूमिका है और वह नि:संदेह उन्हें (सोनिया का) सहयोग करेंगे । जब पार्टी उन चुनावों में हारी और फिर लगातार जीती तब वह उपाध्यक्ष नहीं थे और इसीलिए मैंने सोनिया का उल्लेख किया । उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पार्टी का एक तबका महसूस कर रहा है कि सोनिया धीरे...धीरे सारा प्रभार राहुल को सौंप रही हैं, जबकि उन्हें खुद अग्रिम मोर्चे पर रहना चाहिए । इस बारे में पूछे जाने पर कि पार्टी के बाहर यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक पराजय होने और उसके महज 44 सांसदों तक सिमट जाने के बावजूद कांग्रेस में सब सामान्य चल रहा है क्योंकि कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है और कोई बदलाव नहीं किए गए हैं, थरूर ने कहा कि सोनिया ने खुद कई पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद इस बारे में अपनी राय बनाई कि पार्टी का इतना बुरा प्रदर्शन क्यों रहा। थरूर ने कहा, उन्होंने :सोनिया: खुद का आकलन किया जिसे एंटनी समिति के निष्कर्ष में शामिल किया जाएगा । उन्होंने कहा कि पार्टी में सबकुछ सामान्य नहीं है जिसने चुनावों में खराब प्रदर्शन के कारणों का अध्ययन करने के लिए एंटनी के नेतृत्व में एक समिति गठित की है । थरूर ने कहा कि पार्टी पहले ही हालात से निपटने के नए तौर तरीके सीख रही है और लोकसभा में कम संख्या के चलते तालमेल बैठाने की कोशिश कर रही है। राहुल की आलोचना के मुद्दे पर उन्होंने कहा, राहुल बेशक पारंपरिक राजनीतिक नेता नहीं हों, लेकिन वह जमीन से जुड़े नेता हैं । थरूर ने स्वीकार किया कि वह व्यक्तिगत रूप से राहुल को लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में देखना चाहते थे, लेकिन उन्होंने फैसला किया है कि वह संगठन से बाहर ज्यादा उपयोगी होंगे । वह दो लड़कियों के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना की निन्दा करने बदायूं गए । उन्होंने कहा, वह (राहुल) एक युवा व्यक्ति हैं जिनका मानना है कि पार्टी की सिर्फ संसद में ही नहीं, बल्कि भारत के गांवों और गलियों में भी बराबर की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके पास इस बात की जबर्दस्त समझ है कि क्या करना चाहिए। थरूर तर्क दिया कि राहुल पदों के पीछे भागने वाले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि उनका ध्यान पार्टी को मजबूत करने पर केंद्रित है। महाराष्ट्र और असम में पार्टी में खुले असंतोष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आलाकमान मामले को देख रहा है। थरूर ने कहा, ये अपूर्ण व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से जुड़े मुद्दे प्रतीत होते हैं।