1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार सुबह जिरह करने वाले वकील आनंद ग्रोवर का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट से बड़ी भूल हुई है। उन्होंने कहा, ''यह सही फैसला नहीं है। मैं बहुत निराश और नाखुश हूं। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी भूल की है। अगर हम चाहते हैं कि आतंकवाद घटे तो कुछ कदम उठाने होंगे।'' बता दें कि याकूब को फांसी की सजा से बचाने के लिए देर रात चीफ जस्टिस के यहां सीनियर वकीलों की टीम पहुंची थी। इस टीम में आनंद ग्रोवर के अलावा प्रशांत भूषण, युग मोहित, नित्या रामाकृष्णा समेत 12 टॉप वकील थे। पैसों के लिए नहीं लड़ा केस, दिए तीखे सवालों के जवाब सुप्रीम कोर्ट द्वारा याकूब की फांसी पर स्टे याचिका को खारिज करने के बाद आनंद ग्रोवर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्हें कुछ तीखे सवालों का भी जवाब देना पड़ा। एक ने पूछा कि वह याकूब के लिए इतनी रात को क्यों कोर्ट आए, इस पर आनंद ने कहा कि पैसों के लिए नहीं आया। एक पत्रकार ने पूछा कि उन्होंने एक आतंकवादी को बचाने की कोशिश क्यों की, इस पर आनंद ने कहा कि उनका मानना है कि एक व्यक्ति को संविधान के तहत मिले सारे अधिकारों का इस्तेमाल करने की आजादी होनी चाहिए। एक पत्रकार ने पूछा कि क्या वे किसी गरीब के लिए इसी तरह देर रात कोर्ट पहुंचेंगे, इस पर आनंद ने कहा कि लोगों को नहीं पता कि वे इससे पहले किस-किस के लिए केस लड़ चुके हैं। वे ऐसा पब्लिसिटी के लिए नहीं कर रहे। कौन हैं आनंद ग्रोवर आनंद ग्रोवर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हैं। वे होमोसेक्शुअलिटी और एचआईवी से जुड़े मामलों को कोर्ट में उठाने के लिए जाने जाते हैं। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने आनंद ग्रोवर को सीबीआई और ईडी को रिप्रेजेंट करने के लिए पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया था।