सपा ने राजभवन को एमएलसी की लिस्ट सौंप दी है। इस लिस्ट में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने दोस्ती को दरकिनार कर रिश्तों पर मेहरबानी दिखाई है। अमर सिंह की कोशिशों के बावजूद सपा कोटे से जयाप्रदा को विधान परिषद में भेजने के फैसले को खारिज कर दिया गया। मुलायम ने समधी होने का फर्ज निभाने के साथ ही बेटे की दोस्ती को एमएलसी की सूची में तरजही दी है। अब देखना यह है कि राज्यपाल राम नाइक कुछ नामों को खारिज करते हैं या फिर प्राप्त सूची पर अपनी मुहर लगाते हैं। आगामी 25 मई को नौ विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बुधवार को सपा ने एमएलसी के नामों की लिस्ट राजभवन को सौंप दी। वहीं, पिछले कुछ दिनों से पूर्व सांसद जयाप्रदा को विधान परिषद में भेजने चर्चा चल रही थी। परिवार में विरोध के चलते अ मर सिंह की दोस्ती को मुलायम ने खारिज कर दिया है। निभाया समधी होने का फर्ज राजभवन को सौंपी गई सूची में सपा सुप्रीमो ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लजालू प्रसाद यादव से रिश्तेदारी होने के नाते आरजेडी अध्यक्ष के समधी जितेंद्र यादव को विधान परिषद में भेजने का रास्ता साफ कर दिया है। जितेंद्र साल 2012 में सिकंदराबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वे पेशे से व्यवसायी होने के साथ ही राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं। वहीं, अपने दूसरे बेटे प्रतीक से बिल्डर संजय सेठ की दोस्ती के चलते मुलायम ने इनका नाम सूची में शामिल किया है।