प्रधानमंत्री मोदी का नारा भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का है। किन उन्हीं की सरकार में ईमानदार अफसरों को ईमान की कीमत चुकानी पड़ रही है। बात कर रहे हैं। देश के नामचीन अस्पताल एम्स की। जिसके सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से अपना चार्ज तीन महीने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सीवीओ के हवाले करने को कहा गया है। मंत्रालय की ओर से निदेशक अमृत लाल ने ये आदेश जारी करते हुए कहा है कि इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अनुमति ले ली गई है। संजीव चतुर्वेदी को हटाने के लिए राज्यसभा सांसद जे पी नड्डा की ओर से पिछले साल तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और पीएमओ मंत्री नारायण सामी को चिट्ठी लिखी गई थी, जिसपर अब जाकर कार्रवाई हुई है। आरोप है कि एम्स के सीवीओ की नियुक्ति कानून के तहत नहीं हुई है, इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए। एम्स के खेमका के नाम से मशहूर संजीव चतुर्वेदी ने लंबे अरसे से एम्स में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है और ऐसा माना जा रहा है कि उनकी यही ईमानदारी सरकार और बाकी अफसरों को पसंद नहीं आई। हरियाणा कैडर के आईएफएस संजीव चतुर्वेदी का पिछले पांच सालों में 12 बार ट्रांसफर हो चुका है।