लखनऊ : नेपाल के बांधों से छूटकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कहर का सबब बनने वाली बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन अब भी अस्त-व्यस्त है। बलरामपुर में छह तथा बाराबंकी और बहराइच में एक-एक और व्यक्ति की मौत के साथ बाढ़जनित हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 90 हो गयी है। बलरामपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के बलरामपुर, तुलसीपुर और उतरौला में बाढ़ के कारण विषम हालात बने हुए हैं। कई दिनों से बाढ़ के पानी में डूबे होने के कारण बलरामपुर तहसील के जोनार, मिर्जापुर, नन्दनगर, हृदयनगर, भक्तेहिया तथा बेलहा गांवों में अनेक कच्चे मकान ढह गये हैं। इससे कई लोगों के सिर से छत भी छिन गई है। जिले के 150 गांवों की करीब डेढ लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। राहत और बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ की टीम जुटी है। साथ ही प्रशासन तथा स्वयं सेवी संगठनों के दल भी मदद कर रहे हैं। जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान छह और लोगों की मौत होने की सूचना है। बलरामपुर-उतरौला मार्ग टूट जाने तथा पुलिया क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण बंद है जबकि बाढ़ का पानी घटने से बलरामपुर-तुलसीपुर मार्ग खुल गया है। बहराइच से जिलाधिकारी सत्येन्द्र सिंह के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा और सरयू नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है लेकिन जलभराव के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अब भी खराब बनी हुई है। बाढ़जनित घटना में आज एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। जिले में ऐसी घटनाओं में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है।