वृंदावन के अटल्ला चुंगी चौराहे के पास स्थित एक आश्रम में शनिवार को हुई बैठक में अंतर्राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और चुनाव अखाड़ा के संरक्षक महामंडलेश्वर हरि गिरि महाराज ने वृंदावन में प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण और न्यास के गठन को लेकर अहम सुझाव दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को ऐसे फैसले लेने चाहिए जिनसे सेवायतों के हितों की रक्षा हो और श्रद्धालुओं को भी दर्शन में सुविधा मिले। हरि गिरि महाराज ने वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों की ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के लिए कॉरिडोर का निर्माण यमुना के उस पार करने का सुझाव दिया। उनका मानना है कि इससे श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और स्थानीय संस्कृति सुरक्षित रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित न्यास का गठन सेवायतों और सनातनी प्रतिनिधियों से सलाह-मशविरा करके ही किया जाना चाहिए, और न्यास में इन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाए। हरि गिरि महाराज ने हरिद्वार की तर्ज पर वृंदावन में यमुना पर अधिक पुलों के निर्माण का सुझाव दिया, ताकि आवागमन आसान हो सके। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि यमुना पार के क्षेत्रों को ऐसे बाहरी मार्गों से जोड़ा जाए जिससे श्रद्धालु सीधे ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन के लिए आ सकें। इस अवसर पर अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहारीलाल वशिष्ठ ने हरि गिरि महाराज का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया और उन्हें ठाकुरजी की तस्वीर भेंट की। बैठक में राजेश पाठक, रामदास महाराज सहित कई संत-महंत और स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे।