रियो ओलिंपिक में भारत की गोल्ड मेडल जीतने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है। 65 किलो फ्रीस्टाइल इवेंट के क्वालिफिकेशन बाउट में मंगोलिया के पहलवान मन्दाखनारन गैंजोरिग ने योगेश्वर को 3-0 से हराया। योगेश्वर ने पिछले लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अभी भी है ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका... - योगेश्वर ने अपने पहले ही राउंड में निराशाजनक प्रदर्शन किया और 0-3 से हार गए। - उन्होंने पहले राउंड में एक अंक और दूसरे राउंड में दो अंक प्रतिद्वंदी को दे डाले। - योगेश्वर से भारत को अच्छी शुरुआत की उम्मीद थी। हालांकि, अभी भी उनके पास मेडल जीतने का मौका है। - यदि मंगोलिया का पहलवान गोल्ड मेडल मैच के लिए क्वालिफाई करता है तो योगेश्वर के पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका होगा। - रियो में भारत का खाता खोल ब्रॉन्ज मेडल लाने वाली साक्षी मलिक भी इसी तरह जीती थीं। - इसे रेपेचेज राउंड कहा जाता है। 2008 में सुशील कुमार और 2012 में खुद योगेश्वर दत्त ने भी रेपेचेज राउंड में ब्रॉन्ज जीता था। - क्वार्टर फाइनल में हार के बाद रेसलर को रेपेचेज मुकाबले में हिस्सा लेने का मौका मिलता है। - हालांकि, योगेश्वर के रेपेचेज मुकाबले में खेलने पर स्थिति साफ नहीं है क्योंकि वो क्वालिफिकेशन राउंड में ही हार गए थे। मां ने कहा था गोल्ड लाओ - फाइट से पहले उनकी मां सुशीला देवी ने कहा था, 'बेटा, तुम गोल्ड लाओ। मैंने बहू पसंद कर ली है।' - वहीं, गांव में योगेश्वर की जीत के लिए हवन किया गया था। फैमिली मेंबर्स ने मंदिर में पूजा कर बेटे की जीत की मन्नत मांगी थी। - हालांकि, मैच से पहले योगेश्वर ने कहा था कि वह गोल्ड जीतकर करोड़ों लोगों और पिता-गुरु के सपने को पूरा करेंगे।