धर्मशाला वन-डे में टॉस के वक्त पूरी टीम के साथ उतर कर विंडीज़ टीम ने बोर्ड के साथ अपनी नाराज़गी तो पहले ही ज़ाहिर कर दी थी लेकिन मामला अंजाम तक पहुंचने में भी वक्त नहीं लगा। मैच अभी चल ही रहा था तो बीसीसीआई की तरफ से आधकारिक तौर पर बता दिया कि विंडीज टीम दौरा बीच में ही छोड़ कर लौटेगी घर। बीसीसीआई के सचिव संजय पटेल का कहना है कि हमें अचानक ये खबर दी गई वेस्टइंडीज़ की टीम बीच में दौरा छोड़ रही है, हमें आज सुबह वेस्टइंडीज़ टीम के मैनेजर रिची रिचर्डसन ने ई-मेल के ज़रिए बताया। हालंकि मैच से पहले तक खबर ये भी थी की विंडीज़ टीम धर्मशाला वनडे से वॉकआउट कर सकती है। लेकिन बीसीसीआई के हस्तक्षेप के कारण इस मैच में उतरी। लेकिन अब विंडीज़ टीम ने सीरीज के बचा आखिरी वनडे, एक टी-20 और तीन टेस्ट मैच खेले बगैर ही घर लौटेगी और बोर्ड ने इसकी भरपाई के लिए श्रीलंका बोर्ड को भई टीम भेजने के लिए मना लिया है। अब लंकन टीम 1 से 15 नवंबर के बीच 5 वन-डे मैच खेलेगी। क्या है मामला? दरअसल मामला है, विंडीज़ क्रिकेट बोर्ड और वेस्टइंडीज़ प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वावल हाइंड्स के बीच हुए खिलाड़ियों के लेकर नए करार का। जिसमें खिलाड़ियों के लगता है कि उनका पक्ष ठीक तरीके से नहीं रखा गया। उनकी टी-20,वन-डे और टेस्ट मैचों की फास 75 फीसदी तक कम कर दी गई है और आईसीस से मिलने वाली मैच फीस में भी 100 फीसदी तक कटौती की गई है और इसके बारे में हाइंड्स ने उन्हे कुछ नहीं बताया गया। आपको बते दें कि इससे पहले भी वेस्टइंडीज़ टीम ने कोच्चि में खेले गए दौरे के पहले वनडे में भी वॉकआउट करने की धमकी दी थी। लेकिन उस समय बीसीसीआई के हस्तक्षेप के चलते किसी तरीके से विंडीज़ खिलाड़ियों को मना लिया गया। लेकिन अब शायद खिलाड़ियों के सब्र का बांध भी धर्मशाला वन-डे के बाद जवाब दे गया।