कार्डिफ में टीम इंडिया के सामने जीत की पटरी पर लौटने की चुनौती है, क्योंकि टेस्ट में टीम का बंटाधार बल्लेबाज़ों ने किया तो वन-ड में यही काम गेंदबाज़ कर सकते हैं, धोनी के सामने जीत से शुरुआत करने के लिए गेंदबाज़ी में सही कॉम्बिनेशन से लेकर इतिहास बदलने की चुनौती है। ये लम्हें पिछले एक साल में कई बार भारतीय क्रिकेट फैंस को टीस दे चुके हैं, लेकिन ऐसा ही कुछ नज़ारा एक बार फिर दिख सकता है इंग्लैंड के खिलाफ कार्डिफ में होने वाले वनडे मैच में, जहां इतिहास एक बार फिर भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों को अपने लपेटे में लेने की कोशिश करेगा। एशियाई गेंदबाज अक्सर विदेशी धरती की उछाल भरी पिंचों पर फेल हो जाते है, जिसका तोड़ धोनी को निकालना ही होगा, क्योंकि अगर पिछले एक साल के आंकडों पर नज़र डाले तो भारतीय गेंदबाज़ लगातार टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तरसते ही दिखे हैं। विरोधियों के विकेट उखाड़ने की बात तो छोड़ ही दीजिए टीम इंडिया के गेंदबाज़ों ने रन ऐसे लुटाए हैं कि बल्लेबाज विकेट पर पहुंचने से पहले ही लड़ रहे होते हैं हारी हुई लड़ाईऔर अब इंग्लैड के खिलाफ भई विश्व चटैंपियन टीम के गेंदबाज़ों को इसी इतिहास को पलटना है। आंकड़ो कहते हैं कि विदेश में चाहे बल्लेबाज़ी पर सबकी नज़रे हों, लेकिन घात लगाने का काम गेंदबाज़ ही करते रहे हैं। इसी साल खेली गई साउथ अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड सीरीज़ में 8 वनडे मैचों खेले जिसमें टीम इंडिया ने नहीं जीता एक भी मैच और इसकी सबसे बड़ी वजह रहे है भारतीय गेंदबाज़। भारतीय गेंदबाज़ों ने लगभग हर मैच में 300(299.87) की औसत से दिए है 2,399 रन। यही नहीं, इन 8 मैचों में भारतीय गेंदबाज़ों ने हर मैच में 270 रनों से ज्यादा रन किए खर्च है, जिनमें से 4 बार तो विपक्षी टीम ने भारतीय गेंदबाज़ों की पिटाई करते हुए लूटे है 300 से ज्यादा रन। यह बात तो तय है कि भारतीय टीम में एक बेहतरीन बॉलिंग कॉबिनेशन ही जीत का आधार रख सकती है। हालांकि कप्तान धोनी को गेंदबाजी लाईन अप तय करने में बेहद परेशानी आने वाली है। कारण साफ है कि भुवनेश्वर, उमेश यादव, मोहम्मद शमी मोहित शर्मा, बिन्नी, अश्विन हों या जडेजा हर गेंदबाज़ इंग्लैंड बल्लेबाजों से पिटा है और अब इन्ही में से चुनाव करने के अलावा टीम के पास कोई चारा नहीं है इसलिए अब देखना होगा कि धोनी किस कॉम्बिनेश के साथ कॉर्डिफ वनडे में उतरते हैं। अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि धोनी किस गेंदबाज पर दांव खेलते हैं दांव? मसलन, क्या धोनी जडेजा -अश्विन की पिटी हुई जोड़ी फिर से उतारेंगे.या बिन्नी को मिलेगा मौका अथया फिर करण शर्मा का लेग स्पिन का बुनते हैं अंग्रेज़ों के लिए बिछाए खुद के ही जाल में फंस गए थे। हालांकि भारतीय गेंदबाज़ी पिछले कुछ समय से विदेश में टीम इंडिया की नैय्या हमेशा डूबोती रही है, ऐसे में बल्लेबाज़ों पर कार्डिफ में कमाल करने का दारोमदार होगा। टेस्ट सीरीज़ में भले ही कोहली, शिखर और रोहित सरीखे खिलाड़ी फेल रहे हों, लेकिन कार्डिफ के मैदान पर भारतीय बल्लेबाज़ों का शानदार रिकॉर्ड है। कार्डिफ के मैदान पर इन तीनों बल्लेबाज़ो की ही रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है। साल 2011 में कोहली ने इस मैदान पर शतक लगाया था,तो वहीं पिछले साल चैम्पियंस ट्रॉफी में शिखर धवन ने सेंचुरी लगाकर अपने करियर को नई दिशा दी थी। ये दोनों ही बल्लेबाज़ इंग्लैंड के इस मैदान पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। कोहली ने कार्डिफ़ में 3 मुकाबलों में तकरीबन 100 की औसत से एक अर्धशतक और शतक के साथ 198 रन बनाए हैं,तो वहीं शिखर ने 2 मैच में 1 हाफ सेंचुरी और सेंचुरी के साथ 182 रन ठोंके हैं। साथ ही शिखर ने दोनों मुकाबलों में इस मैदान पर रोहित के साथ ओपनिंग में अच्छा स्टार्ट भी दिया। रोहित ने 2 मुकाबलों में कार्डिफ में 1 अर्धशतक के साथ 98 रन बनाए हैं। इसके अलावा टेस्ट में बल्ले से साहस दिखाने वाले कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने भी इस मैदान पर अच्छी और तेज़तर्रार पारियां खेली हैं। अच्छी बात ये है भी हैं कि टेस्ट में फेल रही बैटिंग युनिट ने हर बार कार्डिफ में बल्ले से विस्फोट किया है। यहां पर खेले 3 मुकाबलों में से जब दो बार भारत ने पहले बैटिंग की है,तो दोनों ही दफ़े तीन सौ से ज्यादा का स्कोर बनाया है। साफ है ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए एक बार फिर बल्लेबाज़ों से कार्डिफ में ब्लास्ट की उम्मीद होगी।