स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले दिन ही भारतीय वेटलिफ्टर और जूडो खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की झोली पदकों से भर दी। कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 के पहले दिन ही भारत ने मेडल्स झटकना शुरू कर दिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स में सुखन डे ने भारत को दूसरा गोल्ड दिला दिया। 56 किलो भारवर्ग के वेटलिफ्टिंग मुकाबले में जीते गए इस गोल्ड के साथ ही भारत के कुल 7 मेडल हो गए हैं। इससे पहले 48 किलोग्राम विमिंस वेटलिफ्टिंग में भारत को 1 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल मिला था। विमिंस वेटलिफ्टिंग की 48 किलो कैटिगरी में के संचिता चानू ने गोल्ड और एम. चानू ने सिल्वर मेडल जीता। इससे पहले सुशीला लिकमाबम और नवजोत चाना ने जूडो के मुकाबले में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया था। वहीं, कल्पना थूडम ब्रॉन्ज जीतने में सफल रही थीं। जी हां ये वो खुशनुमां पल है जब भारत की झोली में गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल आए 20 वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले दिन ही भारत ने ग्लास्गो में अपना तिरंगा लहरा दिया। ग्लास्गो में वेटलिफ्टिंग में भारत ने 2 गोल्ड के साथ कुल 7 मेडल जीते। संजीता की झोली में गोल्ड, मीराबाई को मिला सिल्वर भारतीय वुमेन वेटलिफ्टर संजीता ने ग्लास्गो में गोल्ड दिलाकर पहले दिन ही अच्छी शुरुआत कर दी है। क्लीन एंड जर्क वर्ग की 48 किलोग्राम केटेगरी में मणिपुर की संजीता ने स्नैच में 72 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की और फिर 77 किग्रा वजन उठा भारत की झोली में डाल दिया गोल्ड मेडल। मीराबाई भी कहां पीछे रहने वाली थीं। हालांकि मीराबाई 75 किग्रा के अपने पहले प्रयास में विफल रही, लेकिन मीराबाई ने तीसरे प्रयास में 75 किलो ग्राम वजन उठा कर सिल्वर मेडल जीता। सुखेन डे ने दिलाया ‘सोना’, गणेश को मिला ‘ब्रांज’ मेंस की 56 किलोग्राम केटेगरी में भी भारत ने अच्छी शुरुआत कर संकेत दे दिया है कि इस बार 20 वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत मेडल की झड़ी लगाएगा। भारतीय सुखेन डे ने 56 किलोग्राम केटेगरी में शानदार शुरुआत करते हुए भारत की झोली में सोना डालदिया। लेकिन वेटलिफ्टर गणेश माली चूक गए और उनको ब्रांज मेडल से ही संतोष करना पड़ा। इस जीत के साथ ही भारत अब मेडल टेली में चौथे नंबर पर आ गया है। नवजोत और सुशीला को ‘सिल्वर', कल्पना को मिला ‘ब्रांज’ भारतीय खिलाडियों ने पहले दिन ही ग्लास्गो में जूडो में 3 मेडल जीत कर मेडल टेबल में पहुंचा दिया है। राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता चाना को ग्लास्गो में सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा, जब फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के एश्ले मैकेंजी ने नवजोत चाना को मात दी। हालांकि इस भारतीय खिलाड़ी को पेनल्टी अंक के आधार पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। चाना को तीन पेनल्टी अंक दिए गए, जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी को सिर्फ एक पेनल्टी अंक मिला और भारत को सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा। इससे पहले चाना ने दक्षिण अफ्रीका के डेनियल ली ग्रैंगे को केवल एक मिनट 51 सेकेंड हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। वहीं महिला जूडो में भी भारत की शुरुआत अच्छी रही, सुशीला ने लिकमाबम ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंची कल्पना थोडम ने महिला वर्ग के 52 किग्रा में मारिशस की क्रिस्टियन लेगेनटिल को हराकर कांस्य पदक जीता। भारत ने जूडो में कुल 2 सिल्वर,1 ब्रांज मेडल सहति कुल तीन पदक जीते।