ताशकंद में गुरुवार को नरेंद्र मोदी की शी जिनपिंग से मुलाकात हुई। दोनों यहां हिस्सा तो शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) में लेने पहुंचे हैं लेकिन एनएसजी में भारत की मेंबरशिप का मुद्दा ही चर्चा में रहा। विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने कहा, ''पीएम ने चीनी प्रेसिडेंट से मुलाकात के दौरान एनएसजी मेंबरशिप का मुद्दा उठाया। कहा कि इंडिया की मेरिट को आंके और फिर फैसला किया जाए।'' इधर, सिओल में चल रही न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) की प्लेनरी मीटिंग में भारत की मेंबरशिप का मुद्दा उठा। भारत की पैरवी करने फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर गए हुए हैं। पाक ने कहा- अकेले भारत को मेंबरशिप मिली तो बिगड़ेगा पावर बैलेंस... - SCO से अलग पाकिस्तान के प्रेसिडेंट ममनून हुसैन ने ताशकंद में चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से मुलाकात की। - दोनों लीडर्स ने एनएसजी में मेंबरशिप और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर बातचीत की। - दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि एनएसजी मेंबरशिप में भेदभाव नहीं होना चाहिए। - दोनों का मानना है कि अगर अकेले भारत को मेंबरशिप मिलती है तो क्षेत्र में शक्ति संतुलन बिगड़ेगा। - पाकिस्तान ने चीन को NSG मेंबरशिप के लिए सपोर्ट करने पर शुक्रिया भी किया। - मोदी ने उज्बेकिस्तान के प्रेसिडेंट इस्लोम करीमोव के साथ भी मुलाकात की। - शुक्रवार को मोदी की रशियन प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन से बातचीत होगी। भारत बोला- पॉजिटिव रवैया रखें - भारत ने एनएसजी मेंबर्स से अपील की है कि वे उसकी एंट्री को लेकर पॉजिटिव रवैया रखें। - फ्रांस की फॉरेन मिनिस्ट्री ने बुधवार को जारी स्टेटमेंट में कहा, "हम भारत की चारों ग्रुप (एनएसजी, MTCR, ऑस्ट्रेलिया ग्रुप और वैसेनार अरेंजमेंट) में एंट्री के लिए सपोर्ट करेंगे। न्यूक्लियर प्रोलिफिरेशन (परमाणु अप्रसार) के लिए ये जरूरी होगा।" मोदी की पहली मीटिंग जिनपिंग से - ताशकंद में मोदी की पहली मीटिंग जिनपिंग से ही होगी। - चीन इस बात को लेकर अड़ा है कि बिना न्यूक्लियर प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि-NPT) साइन किए भारत कैसे एनएसजी की मेंबरशिप ले सकता है। - हालांकि, बीते दो दिनों में चीन के रवैये में नरमी आई है। उसने कहा है कि इस मुद्दे पर नॉन-NPT मेंबर्स से चर्चा कर रास्ता निकाला जा सकता है। - शुक्रवार को मोदी की पुतिन से मुलाकात होगी। जयशंकर के साथ ये अफसर भी होंगे बातचीत में शामिल - सिओल में फॉरेन सेक्रेटरी जयशंकर के साथ अमनदीप गिल (ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिसआर्मामेंट एंड इंटरनेशनल सिक्युरिटी) और साउथ कोरिया में भारत के एम्बेसडर विक्रम दुरईस्वामी एनएसजी की मीटिंग में शामिल होंगे। - गिल लगातार परमाणु मुद्दे पर बातचीत में शामिल रहे हैं, वहीं दुरईस्वामी को यूएस-चीन के साथ बातचीत का लंबा एक्सपीरियंस है। भारत को अमेरिका से उम्मीद - चीन नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि-NPT) को लेकर लगातार भारत की एनएसजी में एंट्री का विरोध कर रहा है। - ऐसे में, मीटिंग में भारत को अमेरिका से सपोर्ट की खासी उम्मीद है। - मोदी के यूएस दौरे में भी बराक ओबामा ने भारत को सपोर्ट करने की बात कही थी। - चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग के मुताबिक, "एनएसजी मेंबर्स के बीच नॉन-एनपीटी देशों की एंट्री को लेकर अलग-अलग राय है। इसे लेकर हमें चर्चा करनी होगी।" - इससे पहले चीन, पाकिस्तान को भी एनएसजी मेंबरशिप मिलने की वकालत कर चुका है। चीनी सरकारी मीडिया ने ऐसे किया था पाक का सपोर्ट - चीन के सरकारी अखबार ने लिखा, "जहां भारत एनएसजी में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, वहीं वह पाक को उसके खराब न्यूक्लियर रिकॉर्ड के बेस पर रोकता है।" - "असल में पाकिस्तान की ओर से अब्दुल कादिर खान ने न्यूक्लियर प्रोग्राम चलाया था। ये सरकार की ऑफिशियल पॉलिसी नहीं थी।" - ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, "खान को कई साल घर में नजरबंद रखे जाने के बाद सरकार ने उन्हें दंडित किया।" - "अगर NPT और एनएसजी भारत को छूट दे सकते हैं, तो ये छूट पाकिस्तान पर भी लागू होनी चाहिए।" - ये पहली बार है जब चीनी मीडिया ने एनएसजी मेंबरशिप को लेकर सीधे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट किया है।