जे. जयललिता सोमवार को तमिलनाडु के सीएम पद की शपथ ली। सीएम के रूप में ये उनका लगातार दूसरा टर्म है। जयललिता के बाद 28 कैबिनेट मंत्री भी शपथ ली। इसमें उनके खास माने जाने वाले ओ. पन्नीरसेल्वम भी शामिल हैं। अब इसे जयललिता का सम्मान कहें या उनका रुतबा कि नए मंत्रियों ने शपथ के बाद खासा झुककर अभिवादन किया। 1984 के बाद तमिलनाडु में इस बार यह रिकॉर्ड बना है जब किसी पार्टी की लगातार दूसरी बार सरकार बनी है। मद्रास यूनिवर्सिटी में हुआ फंक्शन... - शपथ ग्रहण समारोह मद्रास यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में हुआ। गवर्नर ने उन्हें सरकार बनाने के लिए इनवाइट किया था। - 'जयललिता अपने पास होम डिपार्टमेंट समेत ऑल इंडिया सर्विसेस (IAS और जनरल एडमिनिसट्रेशन) रखेंगी।' - पन्नीरसेल्वम के पास फाइनेंस मिनिस्ट्री रहेगी। साथ ही उनके पास पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स डिपार्टमेंट भी रहेंगे। - 3 महिलाओं को भी कैबिनेट में जगह मिली है। किसके पास कौन-सा डिपार्टमेंट? - एमपी डिंडिगुल सी श्रीनिवासन- फॉरेस्ट मिनिस्टर - पी. थंगमणि-इलेक्ट्रिसिटी - एसपी वेलुमणि-म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन और रूरल डेवलपमेंट - एडाप्पडी के पालानीस्वामी- पब्लिक वर्क्स एंड हाईवेज, माइनर पोर्ट्स - केटी राजेंद्र बालाजी- रूरल इंडस्ट्रीज - आरबी उदयकुमार-रेवेन्यू - एसपी शण्मुगणथन- डेयरी डेवलपमेंट - केसी वीरामणि- कमर्शियल टैक्स तमिलनाडु में सीटों का गणित एआईएडीमके(जयललिता ): 134 (-16) डीएमके (करुणानिधि की पार्टी):89 (+66) कांग्रेस: 8(+3) अन्य: 01(-55) तमिलनाडु में क्या हुआ था? - यहां जयललिता ने वह कर दिखाया जो 32 साल पहले एमजी रामचंद्रन ने किया था। - एमजीआर लगातार तीन बार तमिलनाडु के सीएम रहे थे। उनके बाद तमिलनाडु में कोई भी पार्टी लगातार दो बार सत्ता में नहीं आई। - सबसे बड़ी बात जयललिता की यह अपील काम कर गई कि 'मैं आपकी मां हूं और सिर्फ मां ही अपने बच्चों का दर्द समझ सकती है।' - ब्रांड अम्मा के जरिए जयललिता ने अपने नाम पर कई स्कीम शुरू कीं। इनमें अम्मा कैंटीन से लेकर अम्मा पानी और अम्मा नमक तक शामिल है। इसकी वजह से एक आदमी करीब 20 रुपए में तीन वक्त खाना खा सकता है। डीएमके और कांग्रेस का क्या हाल हुआ? - 91 की उम्र में भी सीएम कैंडिडेट बनकर मैदान में मौजूद करुणानिधि जादू नहीं दिखा पाए। पार्टी की सीटें पिछली बार से बढ़ीं, लेकिन बहुमत से काफी दूर रहीं। - परिवारवाद में तो उलझे, लेकिन परिवार का कोई मेंबर डीएमके में मजबूती से नहीं उभरा। - कांग्रेस को यहां न घाटा हुआ, न फायदा।