गुरुवार को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ाए आईएसआईएस संदिग्ध को वापस भेज दिया गया। ये शख्स ऑस्ट्रेलिया का सिटिजन है और पर्थ से भारत आया था। भारत में इस तरह का यह पहला मामला है। सिक्युरिटी एजेंसियों के हाथ कैसे लगा... - इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मलेशियाई मूल के अहमद फहीम बिन हमद अवांग नामक शख्स को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। - अवांग के पास मौजूद पासपोर्ट का नंबर N2149807 था। - सिक्युरिटी एजेंसियों को उसके लैपटॉप से आईएसआईएस के प्रोपेगैंडा वीडियो समेत जिहादी लिटरेचर भी मिला। - साथ ही, वह तस्वीरों में हथियार लिए दिख रहा था। - सूत्रों के मुताबिक, जब अवांग से उसके भारत आने का मकसद पूछा गया, तो उसने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एक मीटिंग अटेंड करने आया है। - लेकिन अफसरों को उसके बातचीत करने का तरीका ठीक नहीं लगा। - अवांग के लैपटॉप में मिले कंटेंट के चलते उसे भारत में एंट्री देने में खतरा महसूस हुआ और अफसरों ने उसे वापस पर्थ भेज दिया। लैपटॉप से किस तरह की फोटोज मिलीं? - अवांग की एक फोटो में वह शरीर के ऊपरी हिस्से में कुछ नहीं पहन रखा है और असॉल्ट राइफल लिए हुए है। एक अन्य फोटो में वह पिस्टल लिए हुए बैठा है। दिल्ली के आईएसबीटी से भी हुआ था एक संदिग्ध अरेस्ट - दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को आईएसआईएस के एक संदिग्ध को दिल्ली के आईएसबीटी से अरेस्ट किया। उस पर आईएसआईएस की फंडिंग करने का भी शक है। - पुलिस को उसके पास से 85 हजार रुपए भी मिले हैं। इसका नाम मोहसिन इब्राहिम बताया जा रहा है। मोहसिन मुंबई का रहने वाला है। - पुलिस ने बताया कि वो सीरिया जाने की फिराक में था। अबु धाबी से भी 3 शख्स हुए अरेस्ट - गुरुवार को अबु धाबी से अदनान हुसैन मोहम्मद हुसैन उर्फ अदनान दामुदी नामक शख्स को अरेस्ट किया गया। इस पर अबु धाबी में आईएसआईएस के लिए रिक्रूटमेंट करने का आरोप है। - अदनान के साथ अरेस्ट दो अन्य लोगों को भी अफसरों ने भारत भेज दिया। एनआईए ने कई संदिग्धों को किया था अरेस्ट - एनआईए ने जनवरी में आईएसआईएस के 19 संदिग्धों को अरेस्ट किया था। - आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी मुदब्बिर ने एनआईए की पूछताछ में बताया कि हैंडलर ने उससे भगत सिंह की तरह धमाके करने के लिए कहा था। - इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट के जरिए लोगों को आतंकी बनाने की तैयारी चल रही थी। - भारत के लिए इनके आउटफिट का नाम ‘जुनूद-उल-खलीफा-ए-हिंद’ या ‘सोल्जर्स ऑफ द इंडियन खलीफा’ था। - यूसुफ नाम के हैंडलर ने मुदब्बिर से कहा था, "भारत को अभी अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश चला रहे हैं। वे भारत में गरीबी को बढ़ावा दे रहे हैं और स्विस बैंक अकाउंट में रखे पैसे से कंट्रोल कर रहे हैं।" - युसुफ कहता था, "तुम्हारा काम शहीद भगत सिंह जैसा होगा, जिन्होंने देश के लिए बम धमाके किए और अंग्रेजों को भी मारा।" - यूसुफ और लोगों को भी यही मिसाल देने को भी कहता था। साथ ही यंग लड़के और लड़कियों की भर्ती पर जोर देता था। वह कहता था बम बनाने के लिए जरूरी सामान इकट्ठा करो। इसके बाद ब्रिटेन और अमेरिका के लोगों को निशाना बनाया जाएगा। और भी कई संदिग्धों को भारत भेजा गया था - दिसंबर में तमिलनाडु के मोहम्मद नसीर नाम के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर को सूडान से भारत भेजा गया। बताया गया था कि वह आईएसआईएस ज्वाइन करने लीबिया जा रहा था। - सितंबर 2015 में यूएई से केरल के 6 लोगों को भारत भेज दिया गया। इन पर इंटरनेट पर आईएसआईएस के प्रोपेगैंडा वीडियो शेयर करने का आरोप था। - सितंबर में ही यूएई से आईएसआईएस की संदिग्ध महिला अफशां जबीन उर्फ निक्की जोसेफ को भारत भेज दिया गया। यहां उसे साइबराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।