बिहार की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी वादों के तहत राज्य में अगले साल से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की है। राज्य सरकार का यह फैसला एक अप्रैल 2016 से लागू होगा। सचिवालय में गुरुवार को मद्य निषेध दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से सबसे ज्यादा नुकसान महिलाएं और कम आय वाले वाले लोगों का होता है लेकिन आदत होने के कारण लोग छोड़ नहीं पाते है। नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार शराब की नई नीति बनाएंगी जिसमें मौजूदा कानून में कई बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शराब की ब्रिकी से राज्य सरकार को चार हजार करोड़ का राजस्व मिलता है लेकिन आम लोगों की सेहत को देखते हुए सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष से शराब पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। नीतीश ने कहा कि राज्य में वर्ष 1977-78 में भी शराब पर बैन लगाया था लेकिन इसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया। गौर हो कि नीतीश ने चुनाव के दौरान राज्य में शराबबंदी लागू करने का वादा किया था। शराबखोरी की बढ़ती आदत और इससे घर-परिवार के तबाह होने को लेकर बिहार में महिलाएं पूर्ण शराबबंदी की लगातार मांग करती रही हैं। महिलाओं की जोरदार मांग पर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में आने पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने का वादा किया था। देश में इस समय में गुजरात अकेला राज्य है जहां शराबबंदी लागू है। राज्य सरकारें आमतौर पर अपने यहां शराबबंदी लागू करने से इसलिए परहेज करती हैं क्योंकि इससे उन्हें राजस्व का बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ता है।