नेपाल में भीषण भूकंप की वजह से माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के आधार शिविर के एक हिस्से में कम से कम 22 पर्वतारोहियों की मौत हो गयी, जबकि वहां विदेशियों सहित सैकड़ों पर्वतारोही फंसे हुए हैं। हिमस्खलन की जद में आधार शिविर के आने से वहां 60 से अधिक पर्वतारोही घायल हो गए और सैकड़ों विदेशी पर्वतारोहियों तथा गाइड के लापता होने की आशंका है। हिमस्खलन की वजह से शिविर का एक हिस्सा कल बर्फ में दब गया। गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 17 लोग बेस शिविर में मारे गए जबकि बेस शिविर से नीचे के हिस्सों से पांच लोगों के मारे जाने की सूचना है। हादसे के वक्त शिविर में मौजूद गेलू शेरपा ने बताया, ‘तंबू उड़ गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘पर्वत पर बहुत अफरा-तफरी है और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।’ अधिक गंभीर रूप से घायल 22 पर्वतारोहियों को हेलीकॉप्टरों से समीपवर्ती फेरिच गांव ले जाया गया जहां स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है। इन हेलीकॉप्टरों में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी थे। बहरहाल, खराब मौसम की वजह से बचाव एवं राहत अभियानों में बाधा आ रही है। कुछ घायलों को राजधानी भी लाया गया है। बेस शिविर में मौजूद पर्वतारोही एलेक्स गवान ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘गंभीर रूप से घायलों को हेलीकॉप्टर से निकाला गया है। जरूरतमंदों की सेवा कर रहा हूं। सोना चाहता हूं।’ नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के अधिकारियों ने आज बताया कि माउंट एवरेस्ट पर आधार शिविर से ऊपर बने दो शिविरों में 100 से अधिक पर्वतारोही थे और उन सभी के सुरक्षित होने की खबर है। उन्होंने बताया कि इन लोगों को वहां से हटाने में समय लगेगा। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया कि सेना का एक पर्वतारोही दल भी एवरेस्ट की चढ़ाई कर रहा था जो सुरक्षित है। उन्होंने कल 13 शवों को बर्फ से बाहर निकालने में मदद की है। इसके अलावा सभी सात महाद्वीपों की सबसे उंची चोटियों पर चढ़ने की कोशिश कर रहे 54 वर्षीय भारतीय पर्वतारोही 11 अन्य पर्वतारोहियों के साथ एवरेस्ट की शिविर संख्या दो में फंसे हुए हैं। मृत पर्वतारोहियों में एक चीनी पर्वतारोही शामिल है जबकि प्रौद्योगिकी फर्म गूगल ने एवरेस्ट पर हुए हिमस्खलन में कैलिफोर्निया के अपने एक कार्यपालक अधिकारी डैन फ्रेडिनबर्ग की मौत की पुष्टि की है। पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों का अनुमान है कि कल जब नेपाल में भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हुआ तब आधार शिविर में 400 विदेशियों सहित कम से कम 1,000 पर्वतारोही थे। हिमालयी देश में बीते 80 साल से अधिक समय में यह सर्वाधिक भीषण भूकंप माना जा रहा है। समीपवर्ती देश भारत और चीन में भी भूकंप महसूस किया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार, मृतकों की संख्या 2,200 से अधिक हो गई है। इनमें से 1,000 लोगों की मौत तो अकेले काठमांडो घाटी में हुई है।