आम आदमी पार्टी (आप) की नेशनल काउन्सिल (एनसी) की बैठक में शनिवार को वह सबकुछ हुआ जिसके लिए आप देश की अन्य राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधती रही है। बैठक से पहले योगेंद्र यादव ने धरना दिया, बागियों को उनका पक्ष सुने बिना बाहर निकाला गया, बाउंसर्स के हाथों नेताओं की पिटाई भी हुई। इसके बाद जहां प्रशांत भूषण ने कोर्ट जाने की बात कही, वहीं मेधा पाटकर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का एलान कर दिया। एनसी की बैठक में शामिल रहे कई प्रत्यक्षदर्शियों से बात कर dainikbhaskar.com ने वहां का हाल जाना। उन्होंने जो बताया उसके आधार पर बैठक के शुरुआती घंटे में हाल कुछ ऐसा था। दो प्रत्यक्षदर्शियों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि बैठक में संयोजक के रूप में भाषण के दौरान भी अरविंद केजरीवाल ने तल्ख भाषा का इस्तेमाल किया। भाषण खत्म होने के चंद मिनट के भीतर प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, प्रो. आनंद कुमार और अजीत झा को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने का एलान कर दिया गया। वोटिंग कराने के बाद दिल्ली की डिप्टी सीएम और केजरीवाल के सबसे करीबी मनीष सिसोदिया ने चारों नेताओं को कहा, ''आप राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा नहीं हैं, बैठक से बाहर चले जाएं।'' केजरीवाल ने बोलना शुरू किया तो 15-16 मिनट तक योगेंद्र और प्रशांत की गतिविधियों पर सवाल उठाते रहे। इसके बाद केजरीवाल ने गोपाल राय को बैठक की अध्यक्षता सौंप दी। उन्होंने बोलना शुरू किया ही था कि बीच में मनीष सिसोदिया उठ खड़े हुए और उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद राष्ट्रीय परिषद के लोग अपनी वोटिंग करें। ताकि यह मसला और विवाद का स्पष्ट हल हो, रोजाना इस मामले को गोल-गोल घुमाने का कोई हल नहीं है। इस दौरान योगेंद्र और प्रशांत की ओर से पक्ष रखने की बात कही गई। लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। महज पांच मिनट में वोटिंग के जरिए प्रस्ताव सामने ला दिया गया। जब इस रवैये पर योगेंद्र-प्रशांत, अजीत झा और आनंद कुमार ने विरोध जताया। तब मनीष ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक का फैसला सुनाया और इस पर योगेंद्र-प्रशांत ने तेज आवाज में कहा कि ये ठीक नहीं। हमें पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया जा रहा। इस पर केजरीवाल के करीबी विधायक, पार्टी के अधिकारी व अन्य समर्थक योगेंद्र-भूषण पर चिल्लाने लगे। इस दौरान रमजान चौधरी अपनी जगह पर खड़े हुए और आगे आने की होड़ में गिर गए या किसी ने बीच में पैर लगा कर गिरा दिया। इसके बाद बाउंसरों को योगेंद्र-प्रशांत को बाहर निकालने का इशारा केजरीवाल की ओर से किया गया। रमजान अपनी जगह पर कराह रहे थे और उसी दौरान बाउंसरों ने योगेंद्र-प्रशांत के कंधे पकड़कर उन्हें बाहर निकलने को कहा। इस दौरान दो-तीन बार तेज आवाज में योगेंद्र-प्रशांत चिल्लाए ये पार्टी के उसूलों के खिलाफ है। ये गलत है, जनता माफ नहीं करेगी। लेकिन दूसरी ओर से स्वर इतनी तेज उठे कि दोनों की आवाज दब गई। इस बीच, केजरीवाल के कुछ करीबियों ने बाउंसरों से बदसलूकी नहीं करने के लिए कहा। लेकिन मनीष ने उनसे धीमे से कुछ कहा और वे भी चुप्पी साधकर बैठक गए। बाउंसर आनंद-अजीत को भी बाहर करने लगे और साथ ही रमजान को भी ले जाने लगे। बाउंसर योगेंद्र-प्रशांत को ले जाने के बाद अन्य को लगभग घसीटकर ले गए थे।