नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया। चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नटराजन ने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र खत्म हो चुका है। नटराजन ने यह भी आरोप लगाया कि बतौर पर्यावरण मंत्री उन्होंने विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर जो भी फैसले लिए, वो राहुल गांधी और उनके दफ्तर की ओर से जारी आदेश पर लिए। इससे पहले, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि पर्यावरण मंत्री के पद पर रहते हुए विकास से संबंधित कुछ प्रोजेक्ट्स को रोकने के लिए राहुल गांधी ने उन पर दबाव डाला था। उन्होंने कहा,' कांग्रेस में लोकतंत्र खत्म हो गया। पिछले 11 महीने से मेरे ऊपर कई आरोप लगाए गए। लेकिन कांग्रेस आला कमान ने मुझे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। इसलिए मैं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं।' यह दूसरी बार है जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी है। वह अपने परिवार से कांग्रेस में चौथी पीढ़ी की सदस्य हैं। अडाणी सहित कई प्रोजेक्ट राहुल ने रुकवाए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयंती ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके पर्यावरण मंत्री रहते कई प्रोजेक्ट्स रुकवाए। इसमें अडाणी समूह के एक प्रोजेक्ट के अलावा, वेदांता और नियमगिरी के प्रोजेक्ट शामिल हैं। इस पर मैंने केवल कांग्रेस की पार्टी लाइन और राहुल गांधी के दफ्तर की बात मानी। लेकिन मुझे दुख तब हुआ जब मेरे इस्तीफे के एक दिन बाद 21 दिसंबर को राहुल गांधी ने फिक्की में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण मंत्रालय से अब दिक्कत नहीं होगी। जबकि सच्चाई यही है कि उन्हीं के कहने पर कई प्रोजेक्ट रोके गए थे। नटराजन के मुताबिक, वेदांता समूह के उड़ीसा में बाक्साइट खनन परियोजना के बारे में राहुल गांधी ने अपनी राय से अवगत करा दिया था और उन्होंने उनकी बात का सम्मान करते हुए यह भरोसा दिलाया कि आदिवासियों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसके बाद वेदांता को मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया था। अदानी ग्रुप के प्रोजेक्टस के बारे में कुछ एनजीओ ने नियमों का उल्लंघन की शिकायत की थी। राहुल गांधी के कार्यालय द्वारा इस संबंध में पहले नटराजन से कांग्रेस मंत्री दीपक बाबरिया से संपर्क करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की ओर से कई एनजीओ के लेटर भेजे गए जो पर्यावरण प्रोजेक्ट को लेकर शिकायतें थीं। हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज किया है। कांग्रेस नेता पीसी चाको का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं, अगर कोई निजी कारणों से इस्तीफा देना चाहता है तो वह ऐसा करने के लिए आजाद है।