नई दिल्ली: जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष मंगलवार को दूसरे दिन भी अड़ा रहा। विपक्षी दलों ने धर्म परिवर्तन मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया। हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, कांग्रेस ने आज लोकसभा में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। उधर, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सारदा चिट फंड मामले में पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के मुद्दे पर आज लोकसभा में केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कार्यस्थगन का नोटिस अस्वीकार कर दिये जाने पर सदन से वाकआऊट किया। हालांकि, धर्मांतरण मुद्दे पर सरकार ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष ही इससे बच रहा है। उच्च सदन में कांग्रेस, जदयू, सपा, तृणमूल और वाम दलों के सदस्य यह मुद्दा उठा रहे थे। जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि देश में हाहाकार और बेचैनी है। उन्होंने कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि सदन के बाहर जो कुछ हो रहा है वह संविधान के विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि संसद के बाहर ऐसे बयान न दिए जाएं जिससे संविधान का उल्लंघन हो। इसी बीच, जबरन धर्मान्तरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कांग्रेस, जदयू, सपा एवं तृणमूल के सदस्य आसन के समक्ष आ गए। हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब सरकार चर्चा कराने के लिए तैयार है तो विपक्ष उससे क्यों बच रहा है। नकवी ने कहा कि विपक्ष द्वारा हर दिन संसद की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। देश की जनता इसे देख रही है। उन्होंने विपक्ष से सदन चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच नकवी ने विपक्ष पर यह भी आरोप लगाया कि उसके इस व्यवहार में ‘पराजय की हताशा’ झलक रही है। उप सभापति पी जे कुरियन ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर लौटने के लिए कहा। इसी बीच, सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य खड़े हो कर सदन चलने देने की मांग करने लगे। हंगामे के कारण कुरियन ने दोपहर 11 बज कर 10 मिनट पर सदन की बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले आज सदन की बैठक शुरू होते ही माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार के मंत्रियों की ओर से कल कहा गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाने के लिए ‘सुशासन’ पर निबंध प्रतियोगिता के मकसद से क्रिसमस पर स्कूल खोलने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। येचुरी ने कहा कि उनके पास स्कूलों के लिए जारी किया गया परिपत्र मौजूद है और वह उसे सदन के पटल पर रखना चाहते हैं।