नई दिल्ली : सारदा चिटफंड मामले में पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सोमवार को सीबीआई के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए इस मामले को संसद के भीतर और बाहर उठाया। हालांकि सरकार ने उसके आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने पर सदन के नेता अरूण जेटली ने कहा, ‘सरकार या किसी राजनीतिक नेता के हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता।’ संसद के दोनों सदन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर सीबीआई के दुरपयोग का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। लोकसभा में इस मुद्दे पर सरकार के बयान पर असंतोष जताते हुए तृणमूल सदस्यों ने वाकआउट किया। सदन में वाकआउट करते समय तृणमूल के सुल्तान अहमद ने एक तस्वीर लहराई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सहारा प्रमुख से हाथ मिलाते दिखाया गया है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि यह सदन के नियमों के खिलाफ है और इस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। वहीं संसद परिसर में पार्टी सांसदों ने काली शॉल पहनकर इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए तृणमूल नेता डेरेक ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल राजनीतिक बदला लेने के किया जा रहा है। उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष ‘सीबीआई के लिए पटकथा लिख रहे है (एजेंसी उनके निर्देश पर चल रही है)।’ इस पर जेटली ने कहा, इस मामले की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है। सीबीआई इस मामले में निष्पक्ष रूप से काम कर रही है और वह उच्चतम न्यायालय को रिपोर्ट देती है। सरकार का इस मामले में कोई लेना देना नहीं है। उधर, लोकसभा में भी तृणमूल सदस्यों ने केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरूपयोग का आरोप लगाया। तृणमूल सदस्य सौगत राय ने कहा कि उन्होंने इस विषय पर ध्यानाकर्षण का नोटिस दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की अहम जांच एजेंसी सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री वंेकैया नायडू ने कहा कि वर्तमान सरकार सीबीआई का दुरूपयोग नहीं करती है। वह समय गुजर गया जब सरकार सीबीआई का दुरूपयोग करती थी जिस सरकार का आपने :तृणमूल: समर्थन किया था। आप ऐसे व्यक्ति का बचाव नहीं करें जो दागदार हो अन्यथा आपकी छवि भी प्रभावित होगी। राय ने हालांकि कहा कि पूर्व में जब सत्तारूढ पार्टी (भाजपा) विपक्ष में थी तब वह सीबीआई के दुरूपयोग का आरोप लगाती थी। टूजी मामले में उच्चतम न्यायालय की पहल के बाद रंजीत सिन्हा को जांच से हटाया गया। उन्होंने कहा कि अब पश्चिम बंगाल सरकार को बदनाम करने के लिए सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है। राय ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि सीबीआई को प्रधानमंत्री के नियंत्रण से मुक्त किया जाए और लोकपाल को सौंप दिया जाए।’ बाद में नायडू के जवाब से असंतोष जताते हुए तृणमूल के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया। संसद परिसर में इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे तृणमूल सांसद हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा था ‘बंगाल क्रोधित है प्रधानमंत्रीजी, अमित शाहजी।’ उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। कुछ सांसद एक तस्वीर लिये हुए थे जिनमें प्रधानमंत्री मोदी को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय से हाथ मिलाते हुए दिखाया गया है। राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी और शाह पर आरोप लगाया था कि ‘देश में लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है।’