नई दिल्ली : इस वर्ष के आरंभ में आईएनएस सिन्धुरत्न पनडुब्बी में लगी आग की जांच के बाद नौसेना के सात अधिकारियों को दोषी पाया गया है। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और इस घटना के बाद तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल डी के जोशी ने इस्तीफा दे दिया था। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय में इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुर की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच बोर्ड (बीओआई) की रिपोर्ट में सात अफसरों को चूक के विभिन्न कृत्यों का दोषी पाया गया है। इस वर्ष 26 फरवरी को भारतीय नौसेना पोत सिंधुरत्न में आग लग गई थी जब यह पोत रूटीन प्रशिक्षण और निगरानी के लिए मुंबई के पास समुद्र में था। इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए जोशी ने इस्तीफा दे दिया था। एक अन्य पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक में 14 अगस्त 2013 को हुयी दुर्घटना का ब्यौरा देते हुए पर्रिकर ने कहा कि इस मामले में बीओआई की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इस दुर्घटना में आईएनएस सिंधुरक्षक पनडुब्बी डूब गयी थी और 18 नौसेना कर्मियों की मौत हो गई थी।