आज देश के पहले गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 139 वीं जयंती है। मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी के साथ इस दौरान रक्षा व वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी मौजूद थे और लौह पुरुष की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। सरदार बल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए नई दिल्ली के पटेल चौक पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा देश भर के कई शहरों में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के सभी वर्ग खासकर कॉलेज, एनसीसी और एनएसएस के युवकों ने हिस्सा लिया। विजय पथ पर रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। मोदी ने कहा कि अपने सिद्धांतों के आधार पर देश को इतिहास और विरासत को विभाजित नहीं करना चाहिए। मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती के अवसर पर यहां देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो देश इतिहास को भूल जाता है, वह इतिहास नहीं बना सकता। इसलिए आकांक्षाओं से भरे देश, एक देश जिसके युवा सपनों से भरे हैं, उसके लिए हमें अपने ऐतिहासिक हस्तियों को नहीं भूलना चाहिए। देश को अपने सिद्धांतों के आधार पर अपने इतिहास और विरासत को विभाजित नहीं करना चाहिए। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि जिस तरह रामकृष्ण परमहंस के बिना स्वामी विवेकानंद अधूरे लगते हैं। उसी तरह महात्मा गांधी भी सरदार साहब के बिना अधूरे से लगते हैं। विजय चौक पर दौड़ के लिए हरी झंडी दिखाने के बाद मोदी ने खुद भी दौड़ में हिस्सा लिया। वे राजपथ पर चलते हुए इंडिया गेट की तरफ गए। इस दौड़ में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी के तट पर पटेल की प्रतिमा लगाने की पहल पहले ही शुरू कर चुके हैं। सरदार पटेल गुजरात से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और देश उन्हें लौह पुरुष के नाम से जानता है।