नई दिल्ली : भारत ने बुधवार को कश्मीर समस्या के हल के लिए कश्मीरी अलगाववादियों को ‘पक्षकार’ बताने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की और कहा कि शिमला समझौते के अनुसार, यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है तथा किसी अन्य तरह के रुख से ‘कोई हल नहीं निकलेगा।’ भारत ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि उसके आश्वासनों का ‘कोई मतलब नहीं है’, चाहे यह देश या उसके नियंत्रण वाली जमीन से भारत विरोधी आतंकवाद की अनुमति नहीं देने का मामला हो या मुंबई आतंकी हमलों की जांच और सुनवाई का मामला हो जिसकी साजिश पाक के आतंकी संगठनों ने रची और इसे अंजाम दिया। पाकिस्तान उच्चायुक्त अब्दुल बासित द्वारा कश्मीरी अलगाववादियों से उनकी मुलाकात को सही ठहराने संबंधी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूददीन ने कहा, ‘वर्ष 1972 और भारत तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों द्वारा शिमला समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर केवल दो ‘पक्षकार’ भारत संघ और पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह एक सिद्धांत है जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री वाजपेयी के बीच वर्ष 1999 के लाहौर घोषणापत्र में इस की फिर से पुष्टि की गई थी।’