लोकतंत्र का मंदिर एक बार फिर शर्मसार हुआ है। पिछले साल जेडीयू और बीजेपी के बीच 17 साल पुरानी दोस्ती क्या टूटी, अब नौबत गाली गलौज से हाथापाई तक पहुंच गई है। नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में बिहार विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ। जी हां, लोकतंत्र के मंदिर में ऐसा नजारा अब शायद आम हो चुका है। जहां सदन की कार्यवाही के दौरान हमारे माननीय आपस में एक दूसरे से उलझे हुए अक्सर नजर आ जाते हैं। खैर, बिहार विधान परिषद की ये झलक। जहां अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग की स्कॉलरशिप से जुड़े सवाल पर जेडीयू विधान पार्षद संजय सिंह भड़क उठे, तो बीजेपी की ओर से प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मंगल पांडे ने मोर्चा संभाला और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। हालांकि जेडीयू विधान परिषद के सदस्य संजय सिंह का आरोप है कि नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी गलत भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, और इसी वजह से नौबत यहां तक आ गई। ज्ञात हो कि, पिछले साल जेडीयू और बीजेपी की 17 साल पुरानी दोस्ती क्या टूटी, बीजेपी अब बिहार में जेडीयू की सरकार ही नहीं देखना चाहती। बीजेपी-जेडीयू के रिश्तों में आई तल्खी का असर अब सदन की कार्यवाही के दौरान भी देखने को मिल रही है। ऐसे में साफ है दोनों पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साधने और एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती, वजह भी खास है कि आखिर अगले साल ही बिहार में विधानसभा चुनाव भी जो होने हैं।