पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने आज यहां कहा कि देश की नीतियां ऐसी होनी चाहिए कि जिनसे कोई भी दुश्मन हमारे सैनिकों का सर काटने का दुस्साहस न कर सके और हमारी सरकार सिर्फ देखती न रह जाए। गत वर्ष 8 जनवरी की रात कश्मीर की सीमा पर देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौावर कर देने वाले मथुरा के शहीद लांसनायक हेमराज को श्रांजलि देने उनके गांव शेरनगर पहुंचे सिंह ने अफसोस जताते हुए कहा कि यह बडे़ दुख की बात है कि हेमराज के गांव को शहीद गांव का दर्जा देते वक्त केन्द्र व राज्य सरकार ने जो वादे गांववासियों तथा शहीद के परिजनों से किए थे, वे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। सैन्य अधिकारी से राजनेता बने जनरल पूर्व वीके सिंह ने कहा मैं दंग हूं कि हेमराज सिंह की शहादत के बाद तत्कालीन केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने शहीद परिवार के किसी व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन उस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी शहीद के परिजनों को नौकरी देने, गांव में स्कूल, पानी की टंकी तथा नकद धनराशि देने जैसे जो वादे किए थे, उन पर भी अब तक अमल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सड़क निर्माण आदि जो कार्य कराए भी जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। सिंह ने कहा कि एक सैनिक होने के नाते वे जानते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में सैन्य परिवार किन दुश्वारियों से गुजरते हैं इसलिए वे अब पूर्व सैनिकों की परेशानियों को हल करने के लिए कार्य करेंगे। वे संबंधित सरकारों पर शहीद सैनिकों को दी जाने वाली सुविधाओं को जल्द पूरा करने की कार्यवाही करने के लिए दबाव बनाएंगे। एक सवाल के जवाब में पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा अव्वल तो हमारी नीतियां ही ऐसी नहीं होनी चाहिए कि कोई भी दुश्मन मुंह उठाए चला आए और हमारे सैनिकों के शीश काट ले जाए। यदि ऐसा ही चलता रहा तो हमारे सैनिक भी गीदड़ बनकर नहीं बैठे रहेंगे। वे भी इसका करारा जवाब दे सकते हैं। एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि वे हेमराज की शहादत पर शीश नवाने के लिए आना तो तभी चाहते थे किंतु उस समय वर्तमान सेनाध्यक्ष के आगमन की सूचना पर उन्होंने अपना आना स्थगित कर दिया था। पूर्व सेना अध्यक्ष यहां चुनावी सभाओं को संबोधित करने के लिए आए हैं।