काशी के कुरुक्षेत्र में उतरे आम आदमी पार्टी(आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समर्थकों में वाराणसी में झड़प हुई। केजरीवाल का कहना है कि बातचीत करने से सभी समस्याओं का हल निकल जाएगा। लंका इलाके में पहुंचने पर बीजेपी समथकों ने केजरीवाल का जमकर विरोध किया। बीजेपी के समर्थक मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे तो आम आदमी पार्टी के समर्थक केजरीवाल के नाम के नारे। इसी दौरान दोनों के समर्थकों में जमकर धक्कामुक्की हुई। लंका पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ा। भगदड़ में आधा दजर्न लोगों को चोटें लगी। इससे पहले अस्सी घाट के पास भी बीजेपी और आप समर्थकों के बीच नोकझोंक हुई। बीजेपी और 'आप' के समर्थकों की भिड़ंत होने के बाद केजरीवाल ने कहा कि विरोध करने वाले बच्चे नासमझ हैं, उन्हें सच्चाई की जानकारी नहीं है। अगर मेरी इनसे बातचीत होगी, तो यह समझ जाएंगे कि कौन सही है। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा, 'मैं हाल ही में एक गांव के प्रचार के लिए गया था। वहां कुछ युवक मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि आप लोग क्यों मोदी को वोट देना चाहते हैं? तो उन्होंने कुछ बाते कहीं और उसके बाद मैंने उन्हें कुछ पेपर्स दिखाए, तो वे मुझसे संतुष्ट हो गए। इसलिए मेरा मानना है कि बातचीत से सभी मुश्किलें और भ्रम दूर हो सकते हैं।' इस बार के चुनाव में काशी को कुरुक्षेत्र कहा जा रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने यहां से अपना नामांकन भर दिया है। इस सीट से खुद मोदी उम्मीदवार हैं और केजरीवाल भी चुनौती दे रहे हैं। लेकिन इनमें से नामांकन भरने वाले सबसे पहले अजय राय रहे। काशी विश्वनाथ का नगर वाराणसी भी इन दिनों सियासी रंग में रंगा है। यहां भोले भंडारी के नारे के साथ तमाम सियासी दलों के नारे भी खूब गूंज रहे हैं। इन्हीं नारों के बीच गुरुवार को यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय ने अपना चुनावी पर्चा भरा। नामांकन पर्चा भरने से पहले अजय राय महाकाल को खुश करना नहीं भूले। पहले महाकाल को प्रसाद चढ़ाया, फिर अपना पर्चा भरा और उसके बाद अपने दल-बल के साथ वाराणसी की सड़कों पर निकल पड़े। जीत का दावा कर रहे अजय राय के मुताबिक इस बार यहां असल लड़ाई बाहरी बनाम स्थानीय उम्मीदवार के बीच की है। भले अजय राय वाराणसी के इस जंग को स्थानीय बनाम बाहरी का रंग देने में जुटे हों, लेकिन हकीकत यही है कि यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। काशी की इस धरती से देश के अगले प्रधानमंत्री बनने का सपना संजोये मोदी और देश की राजनीति को बदलने का दावा करने वाले केजरीवाल भी मैदान में हैं। लिहाजा काशी के कुरुक्षेत्र का किंग कौन होगा और जनता किस पर अपना भरोसा जताएगी ये तो 16 मई को ही पता चलेगा।