भारत ने नॉर्थ कोरिया के एटमी समझौतों की जांच करने को कहा है। ये भी देखने को कहा कि नॉर्थ कोरिया के किसके साथ रिश्ते हैं और कौन सा देश इसके लिए जिम्मेदार है। इसमें पाकिस्तान की तरफ इशारा था। अमेरिका में यूएस और जापान के विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात में सुषमा स्वराज ने ये बात कही। बता दें कि नॉर्थ कोरिया ने 3 सितंबर को 6th एटमी टेस्ट किया था और 15 सितंबर को जापान के ऊपर से इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) दागी थी। बता दें कि सुषमा स्वराज यूएन जनरल असेंबली के 72nd सेशन में हिस्सा लेने अमेरिका दौरे पर गईं हैं। सुषमा ने नॉर्थ कोरिया के मसले पर चिंता जताई... - विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन रवीश कुमार के मुताबिक, "सुषमा ने नॉर्थ कोरिया के ताजा घटनाक्रम पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जो भी इससे जुड़े हुए हैं, उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।" - सुषमा स्वराज ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन और जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो से मुलाकात की। इसमें सुषमा ने नॉर्थ कोरिया मसले पर चिंता जताई। तीनों नेताओं ने चीन से विवाद के शांतिपूर्ण हल पर भी सहमति जताई। साथ ही ये भी कहा कि सभी को इंटरनेशनल कानून का सम्मान करना चाहिए। - हालांकि कुमार ने ये नहीं बताया कि सुषमा ने नॉर्थ कोरिया के साथ लिंक में किस देश का नाम लिया। कुमार के मुताबिक, सुषमा ने इसकी तरफ इशारा किया। - कुमार के मुताबिक, "मुझे लगता है कि मैंने काफी चीजें बता दी हैं। इस आधार पर आप उस देश का नाम पता लगा सकते हैं।" तीनों नेताओं के बीच और क्या बात हुई? - कुमार के मुताबिक, "तीनों नेताओं के बीच मैरिटाइम सिक्युरिटी (सामुद्रिक सुरक्षा), कनेक्टिविटी और प्रोलिफिरेशन (प्रसार) को लेकर बात हुई।" - "तीनों नेताओं ने इस बात सहमति जताई कि फ्रीडम ऑफ नेविगेशन, इंटरनेशनल कानून और शांतिपूर्ण तरीके से विवादों का निपटारा होना चाहिए।" - "कनेक्टिविटी के मुद्दे पर तीनों ने कहा कि इसके लिए वैश्विक स्तर पर नॉर्म्स बनाए जाने चाहिए ताकि हर देश की सॉवेरीनटी (संप्रुभता) और टेरिटोरियल इंटीग्रिटी का सम्मान हो।"