यूपी विधान परिषद के 3 मेंबर्स ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। इनमें सपा के एमएलसी बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और बीएसपी के ठाकुर जयवीर सिंह शामिल हैं। सपा के एक अन्य एमएलसी मधुकर जेटली ने भी इस्तीफा दिया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। इत्तेफाक की बात ये है कि इन नेताओं ने उसी दिन पार्टी छोड़ी, जब अमित शाह शहर में आए हैं। शाह एक दिन पहले तक गुजरात में थे जहां कांग्रेस के 7 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा के नेताओं की छोड़ी गई सीटों पर सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा MLC भेजे जा सकते हैं। बता दें कि योगी अभी गोरखपुर से सांसद हैं। डिप्टी सीएम शर्मा पहले मेयर थे। वहीं, एक और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से सांसद हैं। अप्रैल में सरकार बनने के बाद तीनों को छह महीने के अंदर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना होगा। इस्तीफा देने के बाद क्या बोले बुक्कल नवाब... - बुक्कल नवाब ने कहा कि, ''हम बीजेपी के कामों से संतुष्ट हैं। राम मंदिर पाकिस्तान में नहीं, अयोध्या में बनेगा। अयोध्या ही उनकी जन्म भूमि हैं। कुछ लोग गलत तर्क देकर बहकाते हैं। उन्हें भारत का इतिहास भूगोल नहीं मालूम है, फिर भी राजनीति करते हैं। - सपा के एमएलसी यशवंत सिंह ने कहा कि, ''जहां मनभेद हो, वहां से दूरी बनाना चाहिए। समाजवादियों के आंदोलन की कोई कीमत समाजवादी पार्टी में नहीं रही है।'' फीडबैक के लिए मंत्रियों से बात करेंगे - बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह तीन दिन के दौरे पर लखनऊ पहुंचे हैं। इस दौरान वह यूपी में पार्टी की एक्टिविटीज, बाई इलेक्शन और संगठन के विस्तार को लेकर पदाधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीटों का सिलेक्शन करेंगे। - शाह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर फीडबैक लेंगे। इसमें काशी, कानपुर, अवध और गोरखपुर क्षेत्र के पदाधिकारी शामिल होंगे। शाम को बीजेपी ऑफिस में प्रदेश के मंत्रियों से बात करेंगे। - रविवार को संगठन के विस्तार पर रणनीति तय करेंगे। रात 8 बजे मुख्यमंत्री आवास पर मीडिया से बात करेंगे। शाह 31 जुलाई को दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। गुजरात में कांग्रेस में टूट - एक दिन पहले तक अमित शाह गुजरात में थे। उन्होंने और स्मृति ईरानी ने वहां से राज्यसभा के लिए नाॅमिनेशन भरा। इसी दौरान कांग्रेस के 7 विधायकों ने पार्टी और विधानसभा सदस्यता छोड़ी दी। - कांग्रेस छोड़ चुके एक नेता बलवंत सिंह राजपूत अहमद पटेल के खिलाफ नॉमिनेशन फाइल करेंगे। पटेल को जीत के लिए 46 विधायकों का सपोर्ट चाहिए। उनकी राज्यसभा जाने की राह मुश्किल ना हो इसके लिए कांग्रेस ने 44 विधायकों को बेंगलुरु भेजा है। - इससे पहले भी 1995 में केशूभाई पटेल सरकार के दौरान शंकर सिंह वाघेला अपने 27 विधायकों को खजुराहो ले गए थे। - कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। छना भाई चौधरी (वासंदा-नवसारी), मान सिंह चौहाण (बालासिनोर-महिसागर) और राम सिंह परमार (ठासरा-खेडा) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ वाघेला समेत कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों की संख्या 7 हो गई।