पावर मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा है कि LED के इस्तेमाल से हर साल 80 मिलियन टन कार्बन डाइआॅक्साइड का इमिशन (उत्सर्जन) कम होगा और बिजली के बिलों में 40 हजार करोड़ रुपए की बचत भी की जा सकेगी।और क्या कहा गोयल ने... - वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन एनवॉयरमेंट 2017 के दौरान गोयल ने स्पीच में LED के इस्तेमाल से होने वाले फायदों को बताया। - गोयल ने रिन्युअल एनर्जी पर भी फोकस किया। कहा- हम 2022 तक सोलर पावर प्रोग्राम को 20 से 100 गीगाबाइट तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा रिन्युअल एनर्जी के सभी प्रोजेक्ट्स जिनमें हाइड्रो भी शामिल हैं, को 225 गीगाबाइट तक ले जाने का टारगेट है। इसका मकसद क्लीन एनर्जी की तरफ बढ़ना है। ज्यादातर व्हीकल इलेक्ट्रिक से चलें - गोयल के मुताबिक- पीएम ने सीनियर मिनिस्टर्स से इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए मुहिम चलाने को कहा है। पीएम ने कहा है कि भले ही सब व्हीकल इलेक्ट्रिक पावर्ड ना हों पाएं लेकिन ज्यादातर को 2030 तक इस कैटेगरी में लाना चाहिए। - गोयल ने कहा कि अगर हम इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़ा ये टारगेट अचीव करते हैं तो हर साल 100 बिलियन डॉलर का फ्यूल बचेगा और शहरों में पॉल्यूशन 80 से 90% कम किया जा सकेगा। - पावर मिनिस्टर ने एक सरकारी स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि अगर भारत राजस्थान के सोलर पावर का 1% भी इस्तेमाल कर लेता है और गाड़ियों में इसका इस्तेमाल होने लगता है तो हम टारगेट हासिल कर सकते हैं। क्लाइमेट चेंज की जिम्मेदारी इंसान पर - गोयल ने कहा कि क्लाइमेट चेंज के लिए इंसान बराबर का जिम्मेदार है। महात्मा गांधी ने भी 1911 में कहा था कि इंसान ही इस मुद्दे को सुलझा सकता है। गोयल के मुताबिक, महात्मा गांधी ने कहा था कि धरती ने हर इंसान की जरूरतें पूरी की हैं। - उन्होंने कहा- अब वक्त आ गया है जब इंसान ये समझें कि क्लाइमेट चेंज एक चैलेंज है और इसका जिम्मेदार भी इंसान ही है।