बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना अगले महीने 7 से 10 अप्रैल को भारत दौरे पर हैं, इस दौरान वो 1971 की भारत-पाकिस्तान वार में मारे गए इंडियन सोल्जर्स की फैमिली का सम्मान करेंगी। माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत दिल्ली में ऐसे 7 परिवारों को 5 लाख रुपए का चेक देने से की जाएगी। इस दौरान नरेंद्र मोदी भी हसीना के साथ मौजूद रहेंगे। इस तरह किया फैमिलीज का सेलेक्शन... - न्यूज पेपर इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, सोर्सेज ने बताया है कि इन फैमिलीज का सेलेक्शन काफी सावधानी से किया गया है। इनमें 4 परिवार आर्मी से और तीन फैमिलीज नेवी, एयरफोर्स और बीएसएफ में से चुनी गई हैं। - सोर्से ने बताया, "1971 की बांग्लादेश लिबरेशन वॉर में 1,661 भारतीय जवान शहीद हुए थे। ये वक्त है, जब हम उनके बलिदान को याद करें और शेख हसीना दिल्ली में एक मेगा-इवेंट के दौरान इसकी शुरुआत करेंगी।" इंदिरा और अटल को मिला था फ्रैंड्स ऑफ बांग्लादेश अवॉर्ड - बांग्लादेश पहले भी 71 की आजादी की लड़ाई में साथ देने वाले कई लोगों को सम्मानित कर चुका है। इनमें आर्मी ऑफिसर, पॉलिटिकल लीडर्स, एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट, डॉक्टर्स और डिप्लोमैट्स शामिल हैं। - बांग्लादेश ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी को भी फ्रैंड्स ऑफ बांग्लादेश अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसे सोनिया गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी ने रिसीव किया था। 2015 में लिया गया जवानों के सम्मान का फैसला - सोर्स के मुताबिक, "विशेष लोगों को फ्रैंड्स ऑफ बांग्लादेश अवॉर्ड से नवाजे जाने के बाद बांग्लादेश ने ये महसूस किया कि बांग्लादेश सरकार उन शहीद भारतीय जवानों के परिवारों को भी सम्मानित करे, जो जंग के मैदान पर लड़े थे। फैसला 2015 में मोदी की ढाका विजिट के दौरान लिया गया था। बांग्लादेश सरकार और डिफेंस मिनिस्ट्री इस बर चर्चा हुई।" - "इस पर शेख हसीना राजी हैं और वो तीन भाषाओं में सम्मान पत्र के साथ 5 लाख का चेक परिवारों को सौंपेंगी। इस विजिट के बाद बांग्लादेश अपने िरप्रेजेंटेटिव्स भेजेगा, जो बैचेज में फैमिलीज को चेक सौंपेंगे। ये प्रॉसेस 5-6 फेज में पूरी होगी।" - माना जा रहा है कि इस पूरी प्रॉसेस में हसीना सरकार 100 करोड़ रुपए लगाएगी। 3 से 3 लाख लोगों के बीच लोग मारे गए थे - एक अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश लिबरेशन वार के दौरान 3 से 30 लाख मुस्लिम, हिंदू, बंगाली और नॉन बंगाली लोग मारे गए थे। - 25 मार्च 1971 को बांग्लादेश लिबरेशन वार शुरू की गई। इसके बाद 3 दिसंबर 1971 से 16 िदसंबर 1971 तक भारत और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच जंग हुई। - भारतीय सेनाओं ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट फोर्स के साथ जंग लड़ी और पाकिस्तान की सेना को सरेंडर करना पड़ा। करीब 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने इस जंग में भारत के सामने सरेंडर किया था।