सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ ही घंटे बाद जम्मू-कश्मीर में गलती से एलओसी क्रॉस करने वाले भारतीय जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को पाकिस्तान ने शनिवार को रिहा कर दिया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दोपहर 2.30 बजे चंदू को वाघा बॉर्डर पर इंडियन एजेंसी को सौंपा गया। इसके बाद डॉक्टर्स की टीम ने जवान का मेडिकल चेकअप किया। चंदू के भाई भूषण ने कहा, ''मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं। रक्षा राज्यमंत्री और सभी अफसरों का आभारी हूं, जिनकी कोशिशों से मेरा भाई वापस घर लौट पाया।'' डीजीएमओ लेवल पर चल रही थी बातचीत... Advertisement - मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 37 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान की घर वापसी के लिए भारत ने डीजीएमओ लेवल पर पड़ोसी देश से 20 ज्यादा बार बातचीत की थी। - 29 सितंबर को PoK में सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ ही घंटे बाद चंदू गलती से पाक सीमा में चले गए थे। पाक रेंंजर्स ने उसे मानकोट के पश्चिम में झंडरूट में कब्जे में लिया था। - कहा जाता है कि इसके बाद चंदू को नियाकल के पाकिस्तानी आर्मी हेडक्वार्टर में रखा गया। तब इंडियन आर्मी ने कहा था कि चंदू सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा नहीं था। वह गलती से सीमा पार कर गया था। डीजीएमओ लेवल पर चल रही थी टॉक - 12 जनवरी को रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भाम्बरे ने कहा था कि चंदू की घर वापसी के लिए पाक के साथ डीजीएमओ लेवल पर 20 से ज्यादा बार बातचीत हुई। - पाकिस्तान जांच पूरी होने के बाद हमारे जवान को छोड़ने के लिए राजी भी हो गया है। महाराष्ट्र का रहने वाला है चंदू - चंदू महाराष्ट्र के धुले जिले का रहने वाला है। बचपन में माता-पिता की मौत हो गई थी। तब से तीनों भाई-बहन बोरविहिर में अपनी नानी के घर रह रहे थे। - चंदू के पाकिस्तान में पकड़े जाने की खबर सुनकर एक हफ्ते के भीतर ही उनकी नानी का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। - भाई का नाम भूषण और बहन का नाम रुपाली है। दोनों भाई सेना में काम कर रहे हैं। भूषण चव्हाण 9th मराठा लाइट इन्फैंट्री गुजरात में पोस्टेड है। कब हुआ था सर्जिकल स्ट्राइक? - 18 सितंबर को उड़ी में सीमा पार से आए 4 आतंकियों ने आर्मी हेडक्वार्टर पर हमला किया था। जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे। - हमले के 10 दिन बाद (28 सितंबर की रात) आर्मी के स्पेशल फोर्स के 125 कमांडो हेलिकॉप्टर से एलओसी के पास उतारे गए। - कमांडो रेंगते हुए PoK में घुसे और 4 इलाकों में आतंकियों के 7 कैंप तबाह कर दिए थे। इस दौरान 38 आतंकी मारे गए।