नई दिल्ली : अंडमान के हेवलॉक और नील द्वीपों में तूफानी मौसम की वजह से तकरीबन 1400 सैलानी अभी भी फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए नौसेना बचाव अभियान में जुटी है और बुधवार को चार पोतों को लगाया गया है। इस बीच, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अंडमान के हेवलॉक द्वीप पर फंसे सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। जानकारी के अनुसार, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस भी इस पूरे मामले पर नजर बना रखी है। राजनाथ ने बताया कि उन्होंने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल जगदीश मुखी से बात की है और उन्होंने हैवलॉक द्वीप की परिस्थिति से उन्हें अवगत करा दिया है। राजनाथ ने बताया कि हैवलॉक में फंसे सभी पर्यटक सुरक्षित हैं और उनकी सरकार उन लोगों को वहां से वापस लाने की पूरी तैयार कर रही है। राजनाथ ने यह भी जानकारी दी कि अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में टीम तैयार है और साइक्लोन की तीव्रता कम होते ही सरकार जल्द से जल्द राहत और बचाव कार्य शुरू करेगी। सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से रेस्क्यू की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, बस मौसम खुलने का इंतजार है। भारतीय नौसेना ने हैवलॉक में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए चार पोतों को लगाया है। अंडमान प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि तूफानी की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है और राजधानी पोर्ट ब्लेयर के कुछ निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट संपर्क भी टूट गया है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय नौसेना के पोत बित्रा, बंगारम, कुंभीर एलसीयू 38 को तैनात किया गया है। बता दें कि पोर्ट ब्लेयर से लगभग 40 किलोमीटर दूर इन दोनों द्वीपों को तूफानी मौसम ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इस की वजह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में गहरा दबाव बना गया है जिस कारण से भारी बारिश, तेज हवाएं चल रही हैं और समुद्र अशांत हो गया है। प्रशासन पहले ही तूफानी मौसम को ‘एल1 आपदा’ के तौर पर की घोषित कर चुका है। दक्षिण अंडमान के उपायुक्त उदित प्रकाश राय ने कहा कि द्वीपों पर आए तकरीबन 1400 पर्यटक फंस गए हैं और अपने घर वापस जाने के लिए पोर्ट ब्लेयर आने में असमर्थ हैं। हेवलॉक और नील द्वीपों की स्थानीय आबादी तूफान से बुरी तरह से प्रभावित हुई है जिसने जरूरी चीजों की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर दी है।