रोमी साहनी और बृजेश वर्मा ने बसपा में एक बार फिर बगावत कर दी है। बताया जा रहा है कि वे दयाशंकर-मायावती विवाद के चलते नाराज हैं। रोमी साहनी का आरोप है कि उनका टिकट काटकर एक व्यापारी को 4 करोड़ में दिया गया। वहीं, इस पर पलटवार करते हुए बसपा नेता ब्रजेश पाठक ने कहा कि लिखित माफी मांगने पर दोनों की पार्टी में वापसी हुई थी। माफी देते वक्त ही कहा गया था कि टिकट नहीं दिया जाएगा। दोनों विधायकों ने सुधरने का मौका मांगा था, लेकिन अब वे टिकट न मिलने से बौखला गए हैं। बता दें, दोनों पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।एमपी में मुस्लिम महिला की पिटाई पर मायावती ने लिया आड़े हाथ... - लखीमपुर खीरी के पलिया सीट से विधायक हरबिन्दर साहनी उर्फ रोमी साहनी और हरदोई जिले के बिलग्राम-मल्लावां सीट से विधायक बृजेश वर्मा को बीएसपी ने निलंंबित कर दिया है। - इन दोनों लोगों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल न होने का निर्देश दिया गया है। - इनके निलंंबन के पीछे बसपा सुप्रीमो पर टिकट के लिए पैसे लेने के आरोप को बताया गया है। टिकट कटने से नाराज दोनों विधायकों ने लगाया था टिकट बेचने का आरोप - पलियां सीट से विधायक रोमी साहनी और बिलग्राम-मल्लावां सीट से विधायक बृजेश वर्मा ने आज टिकट कटने से नाराज होकर प्रेस काफेंस कर मायावती पर हमला बोला था। - उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका टिकट काट कर चार करोड रुपये में बेचा गया है। - इस दौरान दयाशंकर के परिवार के प्रति सहानुभूति जताते हुए बसपा के प्रदर्शन की निंदा भी की थी। टिकट कटने पर प्रदेश अध्यक्ष ने दी सफाई - इन दोनों विधायकों के टिकट कटने पर बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा कि रोमी साहनी अपने विधानसभा क्षेत्र में ना ठहरकर, जनता की दुख, तकलीफें सुनने की बजाए अधिकांश लखनऊ में ही ठहरकर, अपने कारोबार में व्यस्त रहते थे। - बृजेश वर्मा स्थानीय निकायों के चुनावों में पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रमुखता देने की बजाए अपने परिवार को ही अधिकांश बढ़ावा देने में लगे थे। - इसके बावजूद इन्होंने बसपा प्रमुख पर गलत, झूठे व तथ्यहीन आरोप लगाया, जिसके चलते इन्हें निलंंबित किया गया है। मायावती ने मन्दसौर में गोरक्षा के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ मारपीट में सख्त कार्रवाई की मांग की - बीएसपी प्रमुख मायावती ने गोरक्षा के नाम पर एमपी के मन्दसौर जिले में मुस्लिम महिला के साथ मारपीट व अभद्रता के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। - उन्होंने कहा कि भाजपा-शासित राज्यों में दलित-विरोधी व मुस्लिम समाज विरोधी कट्टरवादी असामाजिक तत्व इतने ज़्यादा शासन-प्रशासन पर हावी हो गये हैं कि वे लोग गोरक्षा आदि के नाम पर किसी के भी खिलाफ खुलेआम बर्बरता करते रहते हैं। - इससे पूर्व गुजरात के ऊना जिले में दलितों की पिटाई का मामला सामने आया था। - उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर दुख जताते हुए कहा कि ना तो भाजपा की केन्द्र की सरकार और ना ही उसकी राज्य सरकारें इन मामलों में सचेत होकर अपना राजधर्म निभा रही हैं। - इसी कारण गोरक्षा के नाम पर कोई भी कहीं भी ताण्डव मचा सकता है, यह अत्यन्त ही खेद व चिंता की बात है।