मायावती ने एक मई को श्रमिक दिवस पर मोदी द्वारा शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’ को देश की जनता के लिए ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से 73 सांसद बीजेपी के हैं और पीएम भी स्वयं वाराणसी से सांसद हैं। इस नाते यूपी के हिस्से में उज्जवला योजना का जो थोड़ा लाभ आ पाएगा, वह देश के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर ही माना जाएगा। आगे पढ़िए मायावती ने और क्या कहा… -उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्ष में केंद्र सरकार ने 5 करोड़ लोगों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। -उज्जवला योजना की शुरुआत बलिया जिले से मोदी ने काफी तामझाम के साथ की। -पहले वर्ष में देश के करीब डेढ़ करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ देने की योजना है, जोकि बेहद कम है। -जनता को रसोई गैस की सुविधा मुफ्त नहीं देकर, उन्हें केवल गैस कनेक्शन ही मुफ्त दिया जा रहा है, जो गरीबों के प्रति उदासीन और दिखावटी रवैये को ही उजागर करता है। मोदी ने काशी को छोड़कर अन्य लोकसभा क्षेत्रों के लोगों को किया तिरस्कार -मायावती ने कहा कि मोदी ने वाराणसी में कुछ लोगों को ई-रिक्शा बांटा है, लेकिन यूपी के अन्य सभी 79 लोकसभा क्षेत्र का तिरस्कार कर दिया। -यही काम कांग्रेस पार्टी पहले करती रही है, कांग्रेस को भी केवल अमेठी और रायबरेली दिखाता था। -वहीं, सपा सरकार में भी सैफई और इटावा के लिए किया जा रहा है। जनधन योजना भी सिर्फ दिखावा है -जनधन योजना और बीमा योजना का बखान केंद्र सरकार कर रही है, लेकिन उन खातों में जमा धन का उपयोग गरीबों के लिए कितना किया जा रहा है, किसी को जानकारी नहीं है। -किसान सूखा और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे हैं, केंद्र सरकार किसान फसल बीमा योजना के गुण गा रही है। -उन्होंने कहा कि देश की ऐसी उच्च विकास दर का क्या लाभ, जब न तो गरीबी दूर हो पा रही है और न ही बेरोजगारी घट रही है। दूसरी ओर, महंगाई आसमान पर है। -रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं देश के लोगों को आसानी से उनकी जरूरत के हिसाब से मिल जाएं, ऐसी नीति केंद्र में शासन करने वाली कांग्रेस और बीजेपी सरकार ने कभी नहीं बनाया। -इसके चलते आज हर वस्तु की कमी और किल्लत है और लोग परेशान हैं।