पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर को उनके होमटाउन रामेश्वरम के श्वार्ट्ज स्कूल के मैदान में रखा गया। यहां शाम 8 बजे तक लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। इसी स्कूल में कलाम ने पढ़ाई की थी। शाम 8 बजे के बाद उनके शव को कलाम के परिवार को सौंप दिया गया ताकि वे पल्लीवासल स्ट्रीट में मौजूद अपने पुश्तैनी घर ले जा सकें। 4 बजे रामेश्वरम पहुंचा पार्थिव शरीर कलाम का पार्थिव शरीर लेकर आ रहा हेलिकॉप्टर बुधवार शाम 4 बजे मंडपम में बनाए गए हेलिपैड पर पहुंचा। तिरंगे में लिपटे कलाम के पार्थिव शरीर को आर्मी की गाड़ी में स्कूल तक ले जाया गया। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ लोग अपने नेता की अंतिम झलक पाने के लिए खड़े थे। कलाम के परिवार के कुछ मेंबर हेलिपैड पर मौजूद थे। स्पेशल प्लेन लेकर आया पूर्व प्रेसिडेंट के पार्थिव शरीर को स्पेशल प्लेन के जरिए नई दिल्ली से मुदरै लाया गया। मदुरै से हेलिकॉप्टर के जरिए पार्थिव शरीर रामेश्वरम पहुंचा। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पार्थिव शरीर के साथ मदुरै पहुंचे। श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोगों को हुई खाने-पीने की दिक्कत कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग रामेश्वरम पहुंचे हुए हैं। बाहर से आए लोगों को खाने-पीने की दिक्कत भी हो रही है। यहां के सभी दुकानदार और रेस्टोरेंट के स्टाफ कलाम के अंतिम दर्शन के लिए लाइन में लगे हुए हैं। इनका कहना है कि वे पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम दर्शन करने के बाद ही दुकानें खोलेंगे। कलाम के पुश्तैनी घर के बाहर भी हजारों लोगों की भीड़ जमा है। इनमें दुनिया भर से आए मीडियाकर्मी भी हैं।