गंगा सफाई अभियान में आ रही मुश्किलों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती दिये गये निर्देशों पर गौर किया जाये तो गंगा में नये बांध का निर्माण होना मुश्किल होगा। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने जल आयोग को किसी भी नए बांध के लिए अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया है। देशभर में चल रहे गंगा सफाई अभियान में मौजूदा बांध से हो रही मुश्किलों को देखते हुए ये निर्देश दिया गया है। इलाहाबाद में हुई एक बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उत्तर प्रदेश के जल आयोग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। गौर हो कि सरकार ने अगले तीन सालों में गंगा सफाई का लक्ष्य रखा है, इन शहरों में हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना और कोलकाता में गंगा सफाई का लक्ष्य रखा है। मंत्रालय उत्तराखंड में प्रस्तावित छह हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ है, जिससे गंगा के बहाव पर खासा असर पड़ेगा। इस बीच सरकार द्वारा बनाया गया एक पैनल भी मौजूदा और प्रस्तावित बांध के असर पर जल्द रिपोर्ट पेश करेगा, जिसके बाद सरकार बांध को लेकर अपनी रणनीति तय करेगी। उमा भारती ने फरवरी में पर्यावरण मंत्रालय को भी पत्र लिखकर बांध के निर्माण पर एक्स्पर्ट का सुझाव मांगा था। गौरतलब है कि ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच तीन परियोजनाएं गंगा पर बन रही हैं। कोटलिभेल परियोजनाएं तीन हिस्सों की हैं, जिनमें से एक का काम 50 फीसदी पूरा हो चुका है, जबकि दो का मामला कोर्ट में लंबित है।