कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसान विरोधी बताते हुए दो टूक शब्दों में कहा है कि कांग्रेस, विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसी भी हाल में मंजूर नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को मूल स्वरूप में रखने के लिए संसद और संसद के बाहर अपना आन्दोलन जारी रखेगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 22 मार्च को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने का श्रेय लेने की कोशिश की है। जयराम रमेश और पायलट ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव प्रचार में लिये गये चंदे के बदले में पांच छह लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की कमर तोड़ दी है और इन कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन लेकर आई है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन लोकसभा में तो पारित हो गये हैं लेकिन राज्य सभा में इनका पारित होना ‘असंभव’ है। जयराम रमेश ने कहा कि ‘कांग्रेस समेत चौदह राजनीतिक दल इन संशोधनों का खुले रूप से विरोध कर रहे है। भाजपा के भी कई सांसद मुझसे मिले हैं और उन्होंने इस विवादास्पद विधेयक का विरोध जारी रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की विचारधारा से जुडे गोबिन्दाचार्य और राजग में शामिल शिवसेना संशोधनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने भी कानून में संशोधनों का विरोध किया लेकिन अब लगता है कि कुछ समय के लिए मोदी सरकार और आरएसएस में ‘सीजफायर’ का समझौता हो गया है। उन्होंने कहा, लेकिन ‘यह समझौता अल्पकालीन है दीर्घकालीन नहीं।’ जयराम रमेश ने कहा ‘आज सुबह जब मैं जयपुर आने के लिए हवाई अडडे पर था उस समय केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वैकेया नायडू नागपुर जा रहे थे, हो सकता है कि दोनों मंत्री इस मुददे पर बातचीत करने के लिए नागपुर जा रहे हो।’