यूपी विधानसभा के विधायक बढ़ती महंगाई से परेशान थे और अपना वेतन-भत्ता बढ़वाना चाहते थे। सैलरी बढ़ाने की मांग पिछले बजट सत्र में भी उठी थी। गुरुवार को सीएम अखिलेश यादव ने विधायकों की यह मांग पूरी कर दी। उन्होंने बजट सत्र के आखिरी दिन विधायकों को तोहफा देते हुए उनके वेतन-भत्ते में 8 हजार से 10 हजार रुपए का इजाफा कर दिया है। इस तरह उनकी कुल सैलरी 50 फीसदी बढ़ गई है। आज जहां यूपी के बजट को पारित कर दिया गया, वहीं यूपी विधानमंडल (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) विधेयक सदन में पेश किया गया। अखिलेश ने इस दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और सत्र चलने के लिए सभी दलों को धन्यवाद दिया। इसके बाद सदन का सत्रावसान हो गया और विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सभी सदस्यों का यही एक मुद्दा ऐसा रहा, जहां दलगत दूरियां नहीं दिखीं। सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया। सैलरी बढ़ने की खुशी सभी विधायकों के चेहरे पर साफ नजर आई। सीएम अखिलेश यादव ने जब इसकी घोषणा कि तो सबने ध्वनिमत से फैसले का स्वागत किया। अभी तक सभी विधायकों को आठ हजार रुपए वेतन के रूप में मिलते थे। अब इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया है। इसकी वजह से राज्य की समेकित निधि से एक करोड़ 20 लाख 96 हजार रुपए का अतिरिक्त खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।