लखनऊ. हज कमिटी ऑफ इंडिया इस बार सिर्फ ऐसे यात्रियों को ही हज जाने की परमिशन देगी, जिनके पासपोर्ट 2 मार्च 2015 तक बने हैं। इन हज यात्रियों के पासपोर्ट पहले से बने हैं। इनकी वैधता 20 मार्च 2016 तक होना जरूरी है। हज कमिटी ने यह फैसला हज के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या को देखते हुए लिया है। भारत से हज करने वाले यात्रियों को दो ग्रुप में बांटे गए हैं। पहले ग्रुप में ऐसे यात्री होंगे, जिनको लाटरी में शामिल किए बिना सीधे सीटें आवंटित होंगी। वहीं, दूसरे ग्रुप के यात्रियों का चयन लाटरी के जरिए होगा। ‘ग्रुप वन’ में असम, बिहार, झारखण्ड, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को शामिल किया गया है। दरअसल इन राज्यों का हज कोटा यहां से हज जाने वाले लोगों की संख्या से ज्यादा होता है। ऐसी स्थिति में इन राज्यों के यात्रियों को लाटरी में शामिल किए बिना ही सीधे सीटें आवंटित होंगी। इसके अलावा ‘ग्रुप वन’ में यूपी सहित अन्य सभी राज्य हज कमिटियों के 70 साल से ऊपर के नागरिकों और हज के लिए तीन साल लगातार आवेदन करने वाले नागरिकों को भी शामिल होंगे। यह सभी आरक्षित श्रेणी में होंगे और इनको भी लाटरी में शामिल किए बिना सीधे सीटें आवंटित होंगी। ऐसे यात्रियों को आवेदन फार्म के साथ मूल पासपोर्ट जमा करना अनिवार्य है। ‘ग्रुप 2’ में उक्त राज्यों के अलावा अन्य सभी राज्यों की हज कमिटियां शामिल हैं। इन राज्यों को मिलने वाला हज कोटा यहां हज जाने वाले लोगों की संख्या से कम होता है। ऐसी परिस्थिति में यात्रियों का चयन लाटरी के जरिए होता है। ऐसे यात्रियों को आवेदन फार्म के साथ अपने पासपोर्ट की स्वप्रमाणित फोटोकापी 2 मार्च 2015 (आवेदन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि) को जमा करना होगा। इस बार हज यात्रियों के चयन के लिए लाटरी 23 मार्च को होगी। इसमें चुने गए हज यात्रियों को अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक 81 हजार रुपए पहली किस्त जमा करनी होगी। फिलहाल मंगलवार तक राज्य हज कमिटी में करीब 650 यात्रियों के फार्म जमा किए जा चुके हैं। इन सभी का आवेदन शुल्क 2 मार्च को जमा हो चुका था, लेकिन कमिटी अभी डाक से प्राप्त होने वाले आवेदनों की प्रतीक्षा कर रही है। अफसरों का कहना है कि इस साल फार्म की संख्या 44 हजार पार कर जाएगी।