नई दिल्ली : लगता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज ऐसा कुछ संकेत दिया कि पिछली यूपीए सरकार के एक मंत्री का नाम उन भारतीयों में शामिल हो सकता है जिन लोगों ने विदेशों में कालाधन जमा कर रखा है। एक न्यूज चैनल पर उनसे जब यह पूछा गया कि आप यह कहकर संधि विशेष (गोपनीयता की शर्त) का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं कि वह व्यक्ति मनमोहन सिंह की मंत्रिमंडल का सदस्य हो सकता है, तो वित्त मंत्री ने कहा, मैं जानता हूं कि आपका इशारा किस ओर है, लेकिन कृपया उचित समय का इंतजार करें। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि उनमें यूपीए सरकार का कोई मंत्री हो सकता है तो जेटली का संक्षिप्त जवाब था, मैं न तो इकरार करता हूं न इनकार करता हूं। मैं तो केवल मुस्करा रहा हूं। इस सवाल पर कि क्या मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की मंत्रिमंडल से कोई व्यक्ति इसमें हो सकता है, तो उन्होंने कहा, मैं इसका ब्यौरा नहीं देना चाहता क्योंकि मेरे ऐसा करने से संधि का उल्लंघन होगा। मैं उन ब्यौरों को नहीं देना चाहता। दिवाली के बाद बेनकाब होंगे काला धन जमा करने वाले दिवाली के बाद बेनकाब होंगे काला धन जमा करने वाले, पार्ट-1 एक अन्य सवाल पर कि क्या सरकार के पास जो नाम हैं उनमें कांग्रेस पार्टी का कोई प्रभावशाली सदस्य भी है तो वित्त मंत्री जेटली ने कहा, यदि हम किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आरोपों को सिद्ध कर सकेंगे तो उसका नाम अदालत को बताया जाएगा। चाहे वह राजनीतिज्ञ या कोई अन्य व्यक्ति, उसका नाम जनता के सामने आ जाएगा। कालेधन के मामले में विदेशी सरकार द्वारा बताए गए व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि इन खातों को समुचित कानूनी प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा, इस तरह से हम सुप्रीम कोर्ट को जो बताना चाहते हैं वह यह कि हम उन नामों को सार्वजनिक करेंगे जिनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिए गए हैं। जब यह कहा गया कि राजनीतिक दल एक-दूसरे को बचाते हैं तो जेटली ने कहा, यह कहना बिल्कुल गलत है। यदि मेरे विरोधी का नाम उसमें है तो उस नाम को बड़े उत्साह से सार्वजनिक करूंगा। मेरा मानना है कि आप तथ्यों की प्रतीक्षा करें। यदि किसी राजनेता के खिलाफ आरोप सिद्ध होते हैं तो वह किसी भी पार्टी का सदस्य हो, उसका नाम सार्वजनिक किया जाएगा। सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के हरियाणा में भूमि सौदों को लेकर पैदा हुए विवाद के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा इस मामले में कार्रवाई करना नई राज्य सरकार पर निर्भर करता है। वित्त मंत्री ने कहा, प्रथम दृष्टया जांच का मामला (वाड्रा के खिलाफ) बनता है। क्योंकि ऐसा नहीं होता कि आपके पास कोई पूंजी नहीं हो, फिर कुछ लाख रुपयों के साथ आप काम शुरू करें और एक-दो साल में वह करोड़ों रुपए में बदल जाय। आम सौदों में यह नहीं होता। नेशनल हेराल्ड मामले में सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को ढेरों सवालों का जवाब देना है। यदि आप छूट प्राप्त धन का इस्तेमाल गैर-छूट वाले उद्देश्यों के लिए करते हैं तो आपकी छूट दांव पर लग जाएगी। इसलिए, कांग्रेस पार्टी को ढेरों सवालों का जवाब देना है।