उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मंगलवार को अपने राज्य की बिजली समस्या से रूबरू होना पड़ा। राजधानी लखनऊ में अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अचानक लाइट चली गई और रूम में अंधेरा छा गया। यूपी में बिजली का यूं ही, कभी भी चले जाना किसी को परेशान नहीं करता। लोग बिजली कटौती से इस कदर दो चार होते रहते हैं कि अब शिकायत भी नहीं करते। हालांकि यूपी में बिजली की हालत बदतर है, पर अखिलेश सरकार ये कबूल करने को कतई राजी नहीं। लेकिन बिजली की परेशानी का एहसास सीएम साहब को उस वक्त हो गया, जब ऐन उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बीच ही बिजली नदारद हो गई और ये हुआ ऐन उसी वक्त जब अखिलेश यादव लोगों को दिवाली की बधाई दे रहे थे। हद तब हो गई जब सीएम साहब को करीब 10 मिनट तक रोशनी के लिए इंतजार करना पड़ा। अभी चंद रोज पहले ही सीएम अखिलेश यादव ने निर्देश दिए थे कि दिवाली के दौरान यदि बिजली कटी तो संबंधित अफसरों पर कार्रवाई होगी। इस वाकये के बाद सीएम ऑफिस में बिजली का काम देखने वाले कर्मचारी अपनी अपनी गर्दन बचाने में जुट गए हैं। उऩकी सफाई ये है कि असली गुनहगार कोई चूहा था जिसने तार कुतर डाले। जाहिर है आज भी यूपी के चूहे इतने सभ्य नहीं हुए कि वो मुख्यमंत्री और आम आदमी के घर में फर्क कर सकें। अब बिजली विभाग उस गुनहगार चूहे की तलाश में जुटा है जिसकी वजह से तमाम अफसरों और कर्मचारियों को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।